मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड भारत के सबसे व्यापक इक्विटी इंडेक्स, बीएसई 1000 इंडेक्स को ट्रैक करने वाला एक नया इक्विटी स्कीम लॉन्च करने जा रहा है. यह इंडेक्स देश की शीर्ष 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों को कवर करता है, जिसमें लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और माइक्रोकैप कंपनियां शामिल हैं. यह फंड भारत में अब तक का सबसे विविधतापूर्ण इक्विटी फंड है. मोतीलाल ओसवाल बीएसई 1000 इंडेक्स फंड का न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) 5 जून 2025 को खुलेगा और 19 जून 2025 को बंद होगा.
आइए जानते हैं कि यह फंड क्या है, इसके फायदे और जोखिम क्या हैं, और क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए.
बीएसई 1000 इंडेक्स फंड क्या है?
पैसिव फंड्स, जैसे इंडेक्स फंड्स, किसी खास मार्केट इंडेक्स जैसे निफ्टी 50, निफ्टी मिडकैप 150 या निफ्टी स्मॉलकैप 250 के प्रदर्शन को कॉपी करते हैं. मोतीलाल ओसवाल बीएसई 1000 इंडेक्स फंड का बेंचमार्क बीएसई 1000 इंडेक्स है, जो भारत का सबसे व्यापक इक्विटी इंडेक्स है. यह इंडेक्स शीर्ष 1,000 कंपनियों को कवर करता है, जो भारत के सूचीबद्ध मार्केट कैपिटलाइजेशन का लगभग 94% हिस्सा हैं.
यह इंडेक्स हर छह महीने में रीकंस्ट्रक्ट किया जाता है और इसमें लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और माइक्रोकैप कंपनियां शामिल हैं. इसमें 57 उद्योगों को कवर किया गया है, जो निफ्टी टोटल मार्केट इंडेक्स (750 शेयरों के साथ 52 उद्योग) से ज्यादा है. इस फंड में आईटी हार्डवेयर, डिजिटल मीडिया, स्पेशियलिटी केमिकल्स, और घरेलू उपभोक्ता क्षेत्रों जैसी कम प्रतिनिधित्व वाली कंपनियां भी शामिल हैं.
मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के पैसिव बिजनेस प्रमुख प्रतीक ओसवाल ने कहा, "बीएसई 1000 इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए एक मजबूत लंबी अवधि का निवेश विकल्प है, जो भारत की विकास गाथा में कम लागत और पैसिव तरीके से हिस्सा लेना चाहते हैं. यह पारंपरिक इंडेक्स की तुलना में बेहतर विविधता और प्रदर्शन की संभावना देता है."
फंड के फायदे
विविधता: यह फंड 1,000 कंपनियों को कवर करता है, जो भारत के शेयर बाजार का लगभग पूरा दायरा है. इसमें लार्जकैप से लेकर माइक्रोकैप तक की कंपनियां शामिल हैं, जिससे निवेशक को हर सेक्टर और थीम में हिस्सेदारी मिलती है.
कम लागत: पैसिव फंड होने के नाते इसका एक्सपेंस रेशियो (लागत) कम होता है, जो लंबी अवधि में निवेशकों के लिए फायदेमंद है.
नए अवसर: माइक्रोकैप कंपनियां, जिनमें 87% पर पांच या उससे कम विश्लेषकों का कवरेज है, निवेशकों को नई और कम खोजी गई कंपनियों में निवेश का मौका देती हैं.
उचित वैल्यूएशन: बीएसई 1000 इंडेक्स का मौजूदा पी/ई अनुपात 25.37 है, जो पिछले सात साल के औसत 27.05 से कम है. हाल के 5-10% मार्केट करेक्शन के बाद यह इंडेक्स उचित वैल्यूएशन पर है, जो लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अच्छा प्रवेश बिंदु है.
जर्मिनेट इनवेस्टर सर्विसेज के सीईओ संतोष जोसेफ ने कहा, "750 शेयरों वाला इंडेक्स पहले ही व्यापक था, लेकिन 1,000 शेयरों ने इसे और गहराई दी है. यह निवेशकों को छोटी और उभरती कंपनियों में निवेश का मौका देता है, जो व्यक्तिगत रूप से ट्रैक करना मुश्किल है."
जोखिम और चुनौतियां
ज्यादा शेयर, जरूरी नहीं ज्यादा रिटर्न: ज्यादा कंपनियां होने का मतलब हमेशा ज्यादा रिटर्न नहीं होता. रिटर्न इंडेक्स की वेटिंग मेथडोलॉजी और मार्केट साइकिल पर निर्भर करता है. स्मॉलकैप और माइक्रोकैप शेयरों की हिस्सेदारी (750 कंपनियां) इस फंड को जोखिम भरा बनाती है, खासकर बेयर मार्केट में, जब ये शेयर लार्जकैप और मिडकैप की तुलना में ज्यादा प्रभावित होते हैं.
ट्रैकिंग एरर: इस इंडेक्स में ज्यादा शेयर होने के कारण ट्रैकिंग एरर और रीबैलेंसिंग की लागत अन्य संकरे इंडेक्स की तुलना में ज्यादा हो सकती है.
उच्च जोखिम: स्मॉलकैप और माइक्रोकैप शेयरों की ज्यादा हिस्सेदारी इस फंड को सामान्य डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स की तुलना में ज्यादा अस्थिर बनाती है.
मनी मंत्रा के संस्थापक वायरल भट्ट ने कहा, "इस इंडेक्स में स्मॉलकैप और माइक्रोकैप का बड़ा हिस्सा जोखिम को बढ़ाता है. अगर मार्केट में गिरावट आती है, तो यह इंडेक्स कमजोर प्रदर्शन कर सकता है."
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
यह फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो लंबी अवधि (5, 10, या 15 साल) के लिए निवेश करना चाहते हैं और भारत की आर्थिक वृद्धि में हिस्सा लेना चाहते हैं. संतोष जोसेफ के अनुसार, "यह उन रिटेल निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प है जो स्टॉक चुनने की जटिलता से बचना चाहते हैं. यह पारदर्शी और ऑटोमैटिकली रीबैलेंस होने वाला फंड है, जो भारत की पूरी मार्केट को कवर करता है."
वायरल भट्ट का मानना है कि भारत की अगली विकास लहर न केवल टॉप 50-100 कंपनियों से आएगी, बल्कि उभरते सेक्टर और छोटी कंपनियों से भी. "यह फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा है जो अलग-अलग लार्जकैप, मिडकैप, और स्मॉलकैप फंड्स में निवेश नहीं करना चाहते और उच्च जोखिम लेने की क्षमता रखते हैं."
निवेश करने से पहले ध्यान दें
जोखिम प्रोफाइल: अगर आप कम जोखिम चाहते हैं, तो लार्जकैप या डायवर्सिफाइड फंड्स बेहतर हो सकते हैं.
निवेश अवधि: यह फंड लंबी अवधि के लिए उपयुक्त है. छोटी अवधि में स्मॉलकैप और माइक्रोकैप शेयरों की अस्थिरता नुकसान पहुंचा सकती है.
पोर्टफोलियो में जगह: अगर आपके पास पहले से स्मॉलकैप या मिडकैप फंड्स हैं, तो इस फंड की जरूरत पर विचार करें.
वैल्यूएशन: मौजूदा वैल्यूएशन उचित है, लेकिन बाजार की अस्थिरता पर नजर रखें.