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India Daily

'जब मैं बेंगलुरु जाता हूं, दोगुनी ऊर्जा लेकर....', Mercedes-Benz के CEO का भारत के टैलेंट पर बड़ा बयान

मर्सिडीज बेंज के सीईओ ओला कैलिनियस ने बेंगलुरु की तकनीकी प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए कहा कि हर बार शहर की यात्रा उन्हें दोगुनी ऊर्जा देती है. उन्होंने भारतीय इंजीनियरों की प्रेरणा और कौशल को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बताया.

Mercedes-Benz Ola Kallenius India Daily
Courtesy: x/@MattooShashank

मर्सिडीज बेंज (Mercedes-Benz) के सीईओ ओला कैलिनियस (Ola Källenius) ने भारत, विशेषकर बेंगलुरु (Bengaluru) की तकनीकी प्रतिभा की जमकर तारीफ की है. बर्लिन ग्लोबल डायलॉग (Berlin Global Dialogue) के दौरान उन्होंने कहा कि हर बार जब वे बेंगलुरु जाते हैं, तो दोगुनी ऊर्जा लेकर वापस लौटते हैं.

कैलिनियस ने कहा, “आपको दुनिया भर में मौजूद नए टैलेंट को अपनाना होगा. हर बार जब मैं बेंगलुरु जाता हूं, मैं दोगुनी ऊर्जा लेकर लौटता हूं.” उन्होंने भारत की सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री को विश्व की सबसे गतिशील प्रतिभाओं में से एक बताया.

उन्होंने आगे कहा, “मैं वहां ऐसे लोगों से मिलता हूं जो धाराप्रवाह जर्मन बोलते हैं. जब मैं उनसे पूछता हूं कि उन्होंने जर्मनी में कहां पढ़ाई की, तो वे कहते हैं  ‘मैं कभी जर्मनी गया ही नहीं.’ यह जो आत्म-प्रेरणा है, वही सबसे खास है. हमें ऐसे ही टैलेंट की तलाश है.” ओला कैलिनियस के इस बयान ने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी. कई लोगों ने सहमति जताई कि बेंगलुरु अब वैश्विक नवाचार (Global Innovation) का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है.

यूजर्स का आ रहा रिएक्शन 

एक यूजर्स ने लिखा कि यह बिल्कुल सही है. बेंगलुरु अब वैश्विक नवाचार का इंजन रूम बन गया है. यहां पहले से ही 400 से अधिक जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं, और यह शहर भारत के कुल टेक एक्सपोर्ट्स का लगभग 38% योगदान देता है. इंजीनियरिंग प्रतिभा, स्टार्टअप संस्कृति और वैश्विक R&D हब का मिश्रण इसे दुनिया के सबसे जीवंत तकनीकी केंद्रों में से एक बनाता है.

एक अन्य यूजर्स ने टिप्पणी की, “अब बेंगलुरु केवल ‘लो-कॉस्ट सेंटर’ नहीं रहा. यह अब ‘कंपिटेंस सेंटर’ है. यहां का टैलेंट सस्ता नहीं, बल्कि सक्षम है जो तेजी से सोच सकता है, बना सकता है और बदलते समय के साथ खुद को ढाल सकता है. यही वजह है कि दुनिया के बड़े सीईओ बार-बार यहाँ लौटते हैं.”

हालांकि, कुछ लोगों ने कैलिनियस के बयान को सतही बताया. एक यूजर्स ने लिखा, “वाह, एक सीईओ को लगता है कि किसी विदेशी भाषा में धाराप्रवाह बोलना ही इनोवेशन का पैमाना है. किसी के जर्मन बोलने का मतलब यह नहीं कि वह तकनीकी रूप से श्रेष्ठ है. असली प्रतिभा कौशल, रचनात्मकता और प्रभाव में होती है न कि सिर्फ भाषा में.”