Maruti Suzuki: देश के ऑटो सेक्टर में एक नई शुरुआत हुई है. मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड ने भारत के रेल नेटवर्क के जरिए अपनी कारें कश्मीर घाटी तक भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कंपनी का कहना है कि रेल परिवहन से न केवल लॉजिस्टिक्स में दक्षता बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
मारुति सुज़ुकी का पहला कंसाइनमेंट हाल ही में उद्घाटित मनसेर इन-प्लांट रेलवे साइडिंग से रवाना हुआ और 850 किलोमीटर का सफर तय करते हुए अनंतनाग टर्मिनल तक पहुंचा. इस खेप में ब्रेजा, डिजायर, वैगनआर और एस-प्रेसो जैसे लोकप्रिय मॉडल शामिल थे. यह यात्रा इसलिए भी खास रही क्योंकि इस ट्रेन ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज, चिनाब नदी पर बने पुल को पार किया. यह पुल उदयपुर-स्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है, जो जम्मू-कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने में मील का पत्थर साबित हो रहा है.
रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि पर कहा कि 'हाल के समय में घाटी से सेबों की रेल के जरिए आपूर्ति हो रही थी, और अब मारुति सुज़ुकी की कारें रेल के माध्यम से कश्मीर पहुंच रही हैं. जम्मू-स्रीनगर रेलवे लाइन जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए गेमचेंजर साबित होगी. रेल परिवहन न केवल समय की बचत करेगा बल्कि सड़क मार्ग पर होने वाले ट्रैफिक और ईंधन की खपत को भी कम करेगा. साथ ही, यह कश्मीर जैसे दुर्गम इलाकों तक सप्लाई चेन को मजबूत बनाएगा.
मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ, हिसाशी ताकेउची ने कहा कि 'रेलवे डिस्पैच हमारी लॉजिस्टिक्स रणनीति का केंद्र है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में जो इंफ्रास्ट्रक्चर क्रांति आई है, उसने हमें यह कदम उठाने में सक्षम बनाया है.' उन्होंने कहा कि चिनाब नदी पर बना विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज भारत के बुनियादी ढांचे की ताकत का प्रतीक है, जो कश्मीर घाटी को बेहतर और तेज कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
यह परियोजना जम्मू-कश्मीर में रोजगार और व्यापारिक अवसरों को बढ़ाने में मदद करेगी. स्थानीय डीलर अब तेजी से डिलीवरी प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उपभोक्ताओं तक गाड़ियां समय पर पहुंचेंगी. इसके अलावा, रेल के माध्यम से ट्रांसपोर्टेशन से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा. मारुति सुज़ुकी के इस कदम ने न केवल लॉजिस्टिक दक्षता को नया आयाम दिया है, बल्कि यह देश के ट्रांसपोर्ट नेटवर्क में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम भी साबित हो रहा है.