AQI IMD Christmas 2025

मोटी कमाई के लिए हो जाएं तैयार! टैरिफ पर रोक लगने के बाद धमाकेदार ओपनिंग को तैयार भारतीय शेयर बाजार, कहां करें निवेश?

मार्केट के एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाजार में फिलहाल जिस तरह से उठा-पटक चल रही है उससे निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए और बाजार में बने रहना चाहिए. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बाजार में लंबे समय तक टिके रहना हमेशा ही फायदेमंद साबित हुआ है.

Sagar Bhardwaj

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के 90 दिनों के टैरिफ स्थगन के फैसले ने 10 अप्रैल को वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी ला दी. गिफ्ट निफ्टी शाम 5:30 बजे तक 23,100 से ऊपर बना रहा, जो लगभग 3% की उछाल के साथ बाजार खुलने का संकेत देता है. दिन में पहले, एशियाई सूचकांकों ने शानदार वापसी की, जिसमें निक्केई और ताइवान वेटेड इंडेक्स 8% से अधिक बढ़े. यूरोपीय सूचकांक डैक्स, सीएसी 40 और एफटीएसई भी 4-6% चढ़े. 9 अप्रैल को ट्रंप के टैरिफ स्थगन से अमेरिकी सूचकांकों में भारी तेजी आई, जिसमें एसएंडपी 500 ने 2008 के बाद सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की.

बाजार विशेषज्ञों की सलाह
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को अस्थिरता से घबराना नहीं चाहिए और संपत्ति आवंटन पर टिके रहना चाहिए. प्राइम सिक्योरिटीज के एमडी एन जयकुमार ने सीएनबीसी आवाज पर कहा, "ऐसे गैप अप को पकड़ना मुश्किल है, जो अब अनुमान लगाने में चुनौतीपूर्ण हो गए हैं." उन्होंने कहा कि भारत के निर्यात क्षेत्र मध्यम अवधि में लाभान्वित होंगे. जयकुमार ने आगे कहा, "चीन-अमेरिका विवाद में भारत के निर्यात बढ़ेंगे, क्योंकि नए व्यापारिक गुट बन रहे हैं और ट्रंप के साथ विश्वास की कमी है."

फार्मा और बैंकिंग में अवसर
जयकुमार के अनुसार, फार्मा क्षेत्र में खरीदारी का मौका है. उन्होंने कहा कि ट्रंप का टैरिफ खतरा यूरोपीय बिग फार्मा और चीन के डंपिंग पर केंद्रित है. भारत के जेनेरिक निर्माता इससे अप्रभावित रहेंगे, क्योंकि दवा कीमतों में वृद्धि का बोझ अमेरिकी जनता पर पड़ सकता है. केंद्रीय बैंक के दर कटौती समर्थन से बैंक भी घरेलू विकास का लाभ उठा सकते हैं. जयकुमार ने बैंकिंग क्षेत्र में मूल्यांकन में सहजता देखी. निफ्टी 50 का 22,000 का निचला स्तर फरवरी के निचले स्तर के समान रहा और वैश्विक अस्थिरता के बावजूद टिकाऊ साबित हुआ. उन्होंने कहा, "क्या यह सार्थक निचला स्तर हो सकता है? 21,900-22,000 टिकाऊ लगता है. टैरिफ झटके के बावजूद यह कायम रहा." 

अस्थिरता के बीच रणनीति
व्हाइटओक कैपिटल के संस्थापक प्रशांत खेमका ने कहा कि टैरिफ अस्थिरता अब खेल का हिस्सा है. उन्होंने फार्मा पर टैरिफ को बातचीत का हथकंडा बताया और कहा कि भारतीय कंपनियां बेहतर स्थिति में रहेंगी. "कुछ न करना हमारी रणनीति थी," खेमका ने कहा. कोटक एएमसी के नीलेश शाह ने कहा कि भारत में टैरिफ के बाद कम गिरावट आई, इसलिए रिबाउंड भी सीमित होगा. बाजार अब कमाई पर ध्यान देगा. शाह ने चार कारकों का जिक्र किया- बजट में आयकर राहत, तेल कीमतों में गिरावट, आरबीआई की दर कटौती और वेतन आयोग की सिफारिशें. उन्होंने कहा, "बजट में कर राहत उपभोग कंपनियों के लिए सकारात्मक है." 

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के लिए लिखा गया है. किसी भी निवेश से पहले अपने आर्थिक सलाहकार की राय जरूर लें.