नई दिल्ली: देश के सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों ने नया इतिहास रच दिया है. वैश्विक बाजारों में मजबूत रुख, भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को लेकर अटकलों के बीच निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं.
इसका सीधा असर कीमती धातुओं पर पड़ा है. दिल्ली समेत घरेलू बाजारों में सोने और चांदी दोनों ने अब तक के उच्चतम स्तर को छू लिया है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को सोने की कीमत 2,650 रुपये की तेजी के साथ 1,40,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना सोमवार को 1,38,200 रुपये पर बंद हुआ था. लगातार दूसरे दिन आई तेजी ने निवेशकों और बाजार दोनों का ध्यान खींचा है.
साल 2025 की शुरुआत से अब तक घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में 61,900 रुपये यानी 78.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है. 31 दिसंबर 2024 को सोना 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था. इतनी तेज बढ़त ने सोने को एक बार फिर सबसे भरोसेमंद निवेश विकल्प के रूप में स्थापित किया है.
चांदी की कीमतों में भी लगातार दूसरे दिन तेज उछाल देखने को मिला. मंगलवार को चांदी 2,750 रुपये बढ़कर 2,17,250 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. इससे पहले के सत्र में यह 10,400 रुपये की छलांग के बाद 2,14,500 रुपये पर बंद हुई थी.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 1.22 प्रतिशत बढ़कर 4,498 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. विश्लेषकों का मानना है कि कमजोर डॉलर, भू-राजनीतिक अनिश्चितता और फेडरल रिजर्व द्वारा 2026 में कई बार ब्याज दर कटौती की उम्मीदों ने सोने-चांदी को मजबूती दी है.
विशेषज्ञों के मुताबिक अब निवेशकों की नजर अमेरिका के तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों पर रहेगी. ये आंकड़े अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति और फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति की दिशा को लेकर संकेत देंगे. ऐसे में आने वाले दिनों में कीमती धातुओं की कीमतों में और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.