EU FTA Talks: भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) को लेकर आज यानी सोमवार से 14वें दौर की वार्ता शुरू होनी है. इस वार्ता में दोनों ओर के बड़े अधिकारी ब्रुसेल्स में पांच दिनों तक चर्चा करेंगे. इस वार्ता से पहले यूरोपीय संघ ने कहा है कि वार्ता दल पारस्परिक रूप से लाभकारी सौदा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
भारत-यूरोपीय संघ आर्थिक साझेदारी के बारे में बात करते हुए EU के राजदूत हर्वे डेल्फिन ने कहा कि भारत में यूरोपीय संघ की कंपनियों ने 2024 में कुल 186 बिलियन यूरो का कारोबार किया. जो भारतीय अर्थव्यवस्था का लगभग 5% है. इसके अलावा 23.5 बिलियन यूरो मूल्य के सामान का निर्यात किया, जो कुल भारतीय माल निर्यात का लगभग 6% है.
यूरोपीय संघ के दूत ने दोनों पक्षों से FTA के वर्षांत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गंभीर प्रयास करने का आग्रह किया है. उन्होंने बताया कि यूरोपीय संघ और भारत एक निवेश संरक्षण समझौते पर भी बात कर रहे हैं. जिसका उद्देश्य यूरोपीय संघ और भारतीय निवेशकों के लिए सुरक्षित और ट्रांसपेरेंट माहौल बनाया जा सके.
उन्होंने कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक उच्च स्तर के FDI को उत्पन्न करने में मदद मिलेगी. हालांकि उन्होंने कुछ मतभेदों पर चिंता जताई है. उन्होंने बताया कि यूरोपीय संघ और भारत दोनों प्रमुख सिद्धांतों पर सहमत है. जैसे की राज्यों के विनियमन के अधिकार की स्पष्ट रूप से रक्षा की जानी चाहिए और न्यायाधिकरणों के लिए निवेश संरक्षण मानकों की व्याख्या करने के तरीके पर स्पष्ट मार्गदर्शन होना चाहिए. राजदूत ने बताया कि पिछले महीने FTA वार्ता के 13वें दौर में सफलता नहीं मिली थी.
डेल्फिन ने कहा कि यूरोपीय संघ एक सार्थक पैकेज पर सहमति बनाने के लिए तैयार था और अब भी है. हम अगले दौर की बातचीत और पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते की दिशा में आगे की बातचीत की प्रतीक्षा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) यूरोपीय संघ और भारतीय व्यवसायों के लिए नए अवसर खोल सकता है और हमारे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के लिए परिस्थितियां पैदा कर सकता है. जहां कुछ देश टैरिफ बढ़ा रहे हैं या अपने बाजार बंद कर रहे हैं, वहीं हमें व्यापार में विविधता लाने, अनिश्चितताओं से बचाव और अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को मज़बूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का उपयोग करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसका वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 120 अरब यूरो है, जो अमेरिका और चीन से आगे है.