हाईवे पर यमराज से बचाएगी नई सुरक्षा कवच, मौत को मात देने के लिए भारत में लॉन्च हुआ पहला TMA सिस्टम; जानिए कैसे
हाईवे कंस्ट्रक्शन एरिया में काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा को लेकर हमेशा ही खतरा बना रहता है. थोड़ी सी लापरवाही भी इनके लिए बड़ा हादसा बन सकती है. लेकिन अब भारत में ट्रक माउंटेड एटेन्यूएटर सिस्टम जैसे सुरक्षा तकनीक को अपनाया गया है जिससे मजदूरों को सूरक्षा मिलेगी.
तेज रफ्तार वाहनों के बीच हाईवे पर काम करते मजदूर हमेशा खतरे में रहते हैं. थोड़ी सी लापरवाही भी बड़ा हादसा बन सकती है. भारत में हर साल कई सड़क दुर्घटनाएं सिर्फ इसलिए होती हैं क्योंकि निर्माण कार्य वाले इलाकों में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होते. अब इस समस्या को कम करने के लिए भारत में पहली बार ट्रक माउंटेड एटेन्यूएटर (TMA) जैसी आधुनिक सुरक्षा तकनीक को औपचारिक रूप से अपनाया जा रहा है, जिससे मजदूरों को सूरक्षा मिलेगी.
पुणे में हुआ देश का पहला TMA लॉन्च
वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ने पुणे के एडोर कैंपस में भारत का पहला ट्रक माउंटेड एटेन्यूएटर लॉन्च किया. इस मौके पर नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के वरिष्ठ अधिकारी, इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के प्रतिनिधि और रोड सेफ्टी विशेषज्ञ मौजूद रहे. यह तकनीक पहले से अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में हाईवे वर्क ज़ोन की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल की जा रही है.
हाईवे वर्क जोन में क्यों बढ़ता है खतरा
निर्माणाधीन हाईवे पर तेज गति से चलते वाहन, सीमित बैरियर और मजदूरों की मौजूदगी दुर्घटनाओं का खतरा को कई गुना बढ़ा देती है. ऐसे इलाकों में पीछे से आने वाले वाहन अक्सर समय पर रुक नहीं पाते. ट्रक माउंटेड एटेन्यूएटर सिस्टम को खासतौर पर इसी जोखिम को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है.
जीरो फेटेलिटी कॉरिडोर की दिशा में कदम
NHAI के अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर जीरो फेटेलिटी कॉरिडोर बनाना उनकी प्राथमिकता है. TMA जैसी तकनीक वर्क ज़ोन सेफ्टी को मजबूत करती है और गंभीर हादसों को रोकने में मददगार साबित होती है. वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर के अधिकारियों ने बताया कि इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य हाईवे पर काम करने वाले श्रमिकों की जान बचाना है.
क्या है ट्रक माउंटेड एटेन्यूएटर
TMA एक ऐसा सेफ्टी सिस्टम है जिसे ट्रक के पीछे लगाया जाता है. इसमें एक खास तरह का क्रैश कुशन होता है, जो टक्कर होने पर झटके को सोख लेता है. इससे न सिर्फ सड़क पर काम कर रहे मजदूर सुरक्षित रहते हैं, बल्कि टक्कर मारने वाले वाहन के चालक को भी गंभीर चोट से बचाया जा सकता है.
कैसे काम करता है यह सिस्टम
जिस ट्रक पर एटेन्यूएटर लगा होता है, वह अक्सर सड़क पर काम कर रहे कर्मचारियों के पीछे धीमी गति से चलता है. इसे शैडो व्हीकल कहा जाता है. अगर कोई वाहन पीछे से इस ट्रक से टकरा जाए, तो एटेन्यूएटर टक्कर की ताकत को धीरे-धीरे कम कर देता है और वाहन को सुरक्षित तरीके से रोक देता है. इससे जान-माल का नुकसान काफी हद तक कम हो जाता है.
ट्रायल में साबित हुई असरदार तकनीक
भारत में इस तकनीक का ट्रायल 2021 से कुछ चुनिंदा सड़कों पर किया जा रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक, TMA सिस्टम अब तक 100 से ज्यादा संभावित जानलेवा हादसों को टालने में मदद कर चुका है. यह इसकी उपयोगिता और प्रभाव को साफ दिखाता है.
बता दें शुरुआत में कुल 20 ट्रक माउंटेड एटेन्यूएटर यूनिट्स को तैनात किया जाएगा. इनमें से 8 यूनिट्स को लॉन्च के दौरान शुरू किया गया है,
हाईवे सेफ्टी में नया अध्याय
ट्रक माउंटेड एटेन्यूएटर भारत के तेजी से बढ़ते हाईवे नेटवर्क में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुरक्षा व्यवस्था जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है. आने वाले समय में यह तकनीक सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और मजदूरों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा सकती है.