जिस मर्सडीज-बेंज के लिए तरसते हैं लोग, क्या है उसके बनने की कहानी? खुद CEO से सुनिए
How Mercedes Benz Name Originated: आपने मर्सिडीज बेंज के बारे में तो सुना ही होगा. यह एक प्रीमियम और एलीट क्लास कार है जिसमें पावरफुल इंजन दिया गया है. कई लोगों का सपना है ये कार. क्या आप ये जानते हैं कि इस कार का नाम मर्सिडीज बेंज कैसे पड़ा? अगर नहीं जानते हैं तो इसके पीछे की कहानी कंपनी के सीईओ खुद बता रहे हैं.
How Mercedes Benz Name Originated: किसी भी कंपनी के लिए ब्रांड का नाम बेहद ही जरूरी होता है. हर कंपनी के ब्रांड लोगो के पीछे कई दिलचस्प कहानियां हैं जो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं. हाल ही में, एक वायरल सोशल मीडिया क्लिप ने मर्सिडीज-बेंज का नाम कैसे पड़ा, इस पर प्रकाश डाला है. अगर आप यह नहीं जानते हैं कंपनी की कार का नाम मर्सिडीज बेंज कैसे पड़ा जिसे खरीदने के लिए लोग आज तरसते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं इसकी पूरी कहानी.
मर्सिडीज-बेंज के सीईओ स्टेन ओला कलेनियस ने बताया कि कार कंपनी का नाम शुरू में डेमलर रखा गया था जब इसकी स्थापना 1886 में गॉटलीब डेमलर ने की थी. उस समय, डेमलर के इंजीनियर विल्हेम मेबैक थे. पंद्रह साल बाद, ऑस्ट्रिया के एक एमिल जेलिनेक ने डेमलर और मेबैक को रेसिंग के लिए एक इंजन डिजाइन पर काम करने का जिम्मा सौंपा. देखें वीडियो-
डेमलर ने जेलिनेक के लिए बनाई पावरफुल इंजन वाली कार:
जेलिनेक, फ्रांस के नाइस में एक रेस में भाग लेना चाहते थे और रेस को जीतना भी चाहते थे. डेमलर और मेबैक ने जेलिनेक की इच्छा पूरी करने के लिए एक पावरफुल इंजन बनाया. इस इंजन से लैस कार को चलाकर जेलिनेक रेस जीत गए और फिर उन्होंने एक शर्त रखी कि इस कार का नाम ‘मर्सिडीज' (उनकी बेटी के नाम पर) रखा जाना चाहिए.
यह नाम डेमलर को भी काफी पसंद आया और फिर उन्होंने कार का नाम मर्सिडीज रखने का फैसला किया. हालांकि इसने अपनी कंपनी का ओरिजिनल नाम वैसा ही रहा. कलेनियस के अनुसार, इस नाम को काफी पसंद किया है और जल्द ही ये ग्लोबल स्तर पर बेहद ही लोकप्रिय हुआ.
मर्सिडीज-बेंज की वेबसाइट के अनुसार, 23 जून, 1902 को मर्सिडीज को एक ब्रांड नेम के तौर पर रजिस्टर कराया गया और 26 सितंबर को नाम रजिस्टर हो गया.