menu-icon
India Daily

एकादशी पर क्यों नहीं खाया जाता है चावल, जानिए क्या है इसका कारण?

Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को काफी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. हर माह में दो बार एकादशी तिथि आती है. एकादशी तिथि को बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार एकादशी तिथि को कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है. मान्यता है कि इस दिन चावल नहीं खाना चाहिए.आइए जानते हैं कि आखिर क्यों इस दिन चावल नहीं खाना चाहिए. 

India Daily Live
Edited By: India Daily Live
rice
Courtesy: pexels

Ekadashi 2024: एकादशी तिथि को हिंदू धर्म में काफी शुभ माना जाता है. हर माह में दो एकादशी तिथि पड़ती हैं. इनमें से एक माह के कृष्ण पक्ष में और दूसरी माह के शुक्ल पक्ष में आती है. इन दोनों ही तिथियों पर भगवान श्रीहरिविष्णु का पूजन किया जाता है. माना जाता है कि एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु का पूजन करने के साथ ही व्रत रखने से जन्मजन्मांतरों के पाप शून्य हो जाते हैं. इसके साथ ही हर प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. 

शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि एकादशी के दिन जो भी चावल को खाता है, वह अगले जन्म में रेंगने वाला जीव बनता है. वहीं, द्वादशी के दिन चावल खाने से इस योनि ये मुक्ति भी मिल जाती है. एकादशी के दिन तामसिक भोजन के साथ ही चावल को नहीं खाना चाहिए. इस दिन चावल खाने से मुक्ति के द्वार बंद हो जाते हैं. 

क्यों वर्जित है एकादशी के दिन चावल खाना?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार महर्षि मेधा ने यज्ञ में आए हुए एक भिखारी का अपमान कर दिया. इसकी वजह से माता दुर्गा उनसे नाराज हो गईं. माता को मनाने और प्रायश्चित करने के लिए महर्षि मेधा ने अपने शरीर का त्याग कर दिया. शरीर का त्याग करने के बाद उनके शरीर के अंश पृथ्वी में समा गए. उनके प्रायश्चित से प्रसन्न होकर माता दुर्गा ने महर्षि को आशीर्वाद दिया कि उनके अंग धरती पर  अन्न के रूप में उगेंगे. महर्षि के अंग आगे चावल और जौ के रूप में प्रकट हुए. 

इस कारण चावल और जौ को जीव माना गया है. इसी कारण एकादशी तिथि पर चावल खाना महर्षि मेधा का मांस खाने के बराबर माना जाता है. इस कारण इन दिन चावल खाने की मनाही होती है. 

पुराणों में भी लिखी है यह बात 

पुराणों के अनुसार एकादशी तिथि पर चावल खाने से मृत्यु के बाद भी मोक्ष नहीं मिलता है. हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को काफी महत्वपूर्ण बताया गया है. इस दिन चावल के साथ ही तामसिक चीजों को भी नहीं खाना चाहिए. 

यह है वैज्ञानिक कारण 

चावल में अधिक मात्रा में पानी पाया जाता है. एकादशी के दिन व्रत रखा जाता है. व्रत में मन का शांत होना काफी आवश्यक होता है. हमारे शरीर में 70 प्रतिशत पानी होता है. चावल खाने से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है. पानी की मात्रा बढ़ने से मन की चंचलता बढ़ती है, जिससे पूजा-पाठ में मन लगाने में समस्या होती है. इस कारण चावल न खाने की सलाह दी जाती है.

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.