रावण का घिनौना सच, अपनी ही बहु के साथ किया था कुकृत्य, मिला श्राप और तय हुआ अंत
रंभा एक सुंदर अप्सरा थी और कुबेर के पुत्र नलकूबर की पत्नी थी. चूंकि कुबेर रावण का सौतेला भाई था, इसलिए रंभा उसके लिए बहू के समान थी. लेकिन रावण ने रिश्तों की मर्यादा तोड़ते हुए रंभा पर बुरी नजर डाली और जबरदस्ती करने की कोशिश की.
Ravan and Rambha: रावण का नाम आते ही हमारे ज़हन में एक शक्तिशाली, विद्वान और शिवभक्त राक्षस की छवि उभरती है. लेकिन उसके जीवन से जुड़े कुछ काले सच भी हैं, जिन्हें जानकर हैरानी होती है. रावण की वासना और अहंकार ने न केवल उसे पापों की राह पर धकेला, बल्कि उसका अंत भी उसी की करनी से हुआ.
रामायण और पुराणों में एक ऐसा प्रसंग मिलता है, जिसमें रावण ने अपनी ही बहू रंभा के साथ अमानवीय व्यवहार किया था. इस कुकृत्य के बाद उसे जो श्राप मिला, वही उसके जीवन के अंत की बुनियाद बन गया. आइए जानते हैं इस घटना से जुड़ा पूरा सच.
रंभा थी रावण की बहू, लेकिन उसने नहीं मानी मर्यादा
रंभा एक सुंदर अप्सरा थी और कुबेर के पुत्र नलकूबर की पत्नी थी. चूंकि कुबेर रावण का सौतेला भाई था, इसलिए रंभा उसके लिए बहू के समान थी. लेकिन रावण ने रिश्तों की मर्यादा तोड़ते हुए रंभा पर बुरी नजर डाली और जबरदस्ती करने की कोशिश की.
रंभा की पुकार और रावण की क्रूरता
जब रावण ने रंभा को रोकने की कोशिश नहीं की, तब रंभा ने उसे बार-बार चेतावनी दी कि वह उसकी बहू है और यह पाप होगा. लेकिन रावण ने उसकी एक नहीं सुनी और उसके साथ जोर-जबरदस्ती की. यह घटना रंभा के लिए पीड़ादायक और अपमानजनक थी.
नलकूबर का श्राप बना रावण के विनाश की वजह
जब नलकूबर को इस घटना का पता चला, तो उसने रावण को भयानक श्राप दिया कि अगर वह आगे कभी किसी स्त्री को उसकी मर्जी के बिना छुएगा, तो उसी पल उसका सर्वनाश हो जाएगा. यही कारण था कि रावण ने सीता माता का हरण तो किया, लेकिन उन्हें कभी जबरन छूने की हिम्मत नहीं की.
रावण ने अपने जीवन में चाहे कितनी भी विद्वत्ता हासिल की हो, लेकिन उसके चरित्र की गिरावट ने ही उसका सर्वनाश किया. रिश्तों की मर्यादा को तोड़ना और स्त्री की इच्छा के विरुद्ध जाना, उसके पतन की असली वजह बना.
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