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Pitru Paksha 2024: आज श्राद्ध के आखिरी दिन बस कर लें ये छोटा सा काम, खुल जाएंगे सुख-समृद्धि के सभी खिड़की दरवाजे

आज श्राद्ध का आखिरी दिन है. हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का अपना एक खास महत्व है और कहा जाता है कि अगर इन 16 दिनों में पितरों को तर्पण किया जाए तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. जिसके बाद पितर खुश होकर अपने लोक वापस चले जाते हैं. आज इस खबर में आपको वह तरीके बताएंगे जिन्हें करने से आपके पितृ खुश होने के साथ साथ आपकी इच्छाएं भी पूरी करेंगे

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Babli Rautela

Pitru Paksha 2024: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व माना जाता है और कहा जाता है कि अगर इन 16 दिनों में पितरों को तर्पण किया जाए तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके बाद पितर खुश होकर अपने लोक वापस चले जाते हैं. आज यानी 2 अक्टूबर को पितृ पक्ष की आखिरी दिन है जिसे बहुत जरुरी माना जाता है. सर्वपितृ अमावस्या के दिन उन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी तारिख आपको याद नहीं है. इसलिए पितृ पक्ष का आखिरी दिन बहुत जरूरी हो जाता है.

पितृ पक्ष का आखिरी दिन 

हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के आखिरी दिन का अपना एक खास महत्व होता है और इस दिन पितरों के नाम पर पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन 32 पूरियां बनाई जाती हैं और उन्हें 16 जगहों पर दो-दो के जोड़े में रखा जाता है. इसके साथ ही आप उन पूड़ियों पर कुछ मीठा रख सकते है जिससे आपके पतृों की आत्मा को शांती मिलती है. इसके बाद पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है. फिर उन पूड़ियों को छत पर कौओं को खिला दिया जाता है. अगर आप पितृ पक्ष में किसी पूर्वज का श्राद्ध नहीं कर पाए हैं या तारिख भूल गए हैं तो आखिरी दिन ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलेगी. ध्यान रखें कि पितरों के लिए भोजन तुरई के पत्ते पर रखना चाहिए. इससे पितर और खुश होते हैं. 

आखिरी पितृ पक्ष के दिन करें ये काम 

आखिरी पितृ पक्ष के दिन को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन जरूरतमंदों को मीठे चावल दान करने से आपके सभी रुके हुए काम पुरे हो सकते है. इसके अलावा मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाने से आपको मन चाहा फल मिल सकता है. इस उपाय को करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती और बेशुमार धन आता है और सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं. पितृ पक्ष के आखिरी दिन कौओं, गाय और चूहों के लिए खाना जरूर रखना चाहिए. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वह खुशी खुशी अपने लोक वापस चलें जाते हैं.