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5 जुलाई को आएगा महाभूकंप, न्यू बाबा वेंगा की भविष्यवाणी से दहशत में जापान, क्या बोली सरकार?

न्यू बाबा वेंगा की भविष्यवाणी को लेकर जापान में दहशत का माहौल है क्योंकि उनकी 2011 की भूकंप की भविष्यवाणी बिल्कुल सच साबित हुई थी.

Imran Khan claims

जापान में लोग इस समय दहशत में हैं, क्योंकि मंगा कलाकार और ‘न्यू बाबा वेंगा’ के नाम से मशहूर रयो तत्सुकी ने अपनी किताब द फ्यूचर आई सॉ में 5 जुलाई 2025 को भयावह भूकंप की भविष्यवाणी की है. इस चेतावनी में प्रशांत महासागर तट पर एक विशाल भूकंप की बात कही गई है, जो 2011 की सुनामी से तीन गुना विनाशकारी सुनामी ला सकता है.

तत्सुकी ने सपनों में क्या देखा था

इस भविष्यवाणी ने मौसम विज्ञानियों, भूकंप विशेषज्ञों और जापानी सरकार में हलचल मचा दी है. तत्सुकी ने अपने सपनों में उबलता पानी, बुलबुले और विशाल समुद्री लहरें देखने का दावा किया है.

जापान से लेकर इंडोनेशिया तक आ सकती है तबाही

इस भविष्यवाणी ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया है, जहां लोग विशाल भूकंप और सुनामी की आशंका से चिंतित हैं. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भूकंप समुद्र के नीचे या ज्वालामुखी विस्फोट से उत्पन्न हो सकता है, जो जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, फिलीपींस और भारत के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है.

2011 में सही साबित हुई थी भविष्यवाणी

तत्सुकी की 2011 की भूकंप भविष्यवाणी सही साबित होने के कारण इस चेतावनी को नजरअंदाज करना मुश्किल है. जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने इस भविष्यवाणी पर चर्चा के लिए बैठक की. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक इस भविष्यवाणी को खारिज कर रहे हैं, लेकिन इसका सामाजिक और आर्थिक प्रभाव पड़ा है. इशिबा ने कहा, “जापान चार टेक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है, इसलिए भूकंप और सुनामी का खतरा हमेशा बना रहता है. लोगों को सतर्क रहना चाहिए, लेकिन वैज्ञानिक मार्गदर्शन पर भरोसा करना चाहिए, न कि अफवाहों पर.” 

टोकारा द्वीपों में भूकंपीय गतिविधियां

पिछले एक सप्ताह में कागोशिमा प्रान्त के टोकारा द्वीपों में लगभग 900 भूकंप दर्ज किए गए हैं. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) के अनुसार, कोडाकराजिमा द्वीप पर भूकंपीय गतिविधियां बढ़ी हैं, लेकिन अभी तक सुनामी की भविष्यवाणी नहीं की गई है. मियागी प्रान्त के गवर्नर योशिहिरो मुराई ने अफवाहों के पर्यटन पर प्रभाव को लेकर चिंता जताई. मुराई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “सोशल मीडिया पर गैर-वैज्ञानिक अफवाहों का प्रसार पर्यटन को प्रभावित करता है, जो गंभीर मुद्दा है.” 

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