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Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज आज, जानें शिव गौरी पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

हिंदू पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को रहता है. मान्यता है कि इस समय भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करने से व्रती को पुण्य फल प्राप्त होता है.

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Edited By: Reepu Kumari
Hartalika Teej
Courtesy: Pinterest

Hartalika Teej 2025: आज देशभर में हरतालिका तीज का पर्व मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था, जिसके बाद महादेव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया. तभी से यह व्रत विशेष महत्व रखता है. इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखकर पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं.

इस साल 26 अगस्त 2025 (मंगलवार) को हरतालिका तीज का व्रत रखा जा रहा है. इसे उत्तर भारत के राज्यों-बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और झारखंड में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. विवाहित महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं, वहीं अविवाहित कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं.

हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को रहता है. मान्यता है कि इस समय भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करने से व्रती को पुण्य फल प्राप्त होता है.

  • पूजा तिथि: 26 अगस्त 2025, मंगलवार
  • पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 6:23 बजे से रात 8:45 बजे तक
  • तृतीया तिथि प्रारंभ: 25 अगस्त, रात 11:50 बजे
  • तृतीया तिथि समाप्त: 26 अगस्त, रात 9:10 बजे

हरतालिका तीज की पूजा विधि

  • सबसे पहले आपको सुबह स्नान करना होगा. फिर साफ कपड़े पहनें.
  • निर्जला उपवास का संकल्प लेकर भगवान शिव-पार्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें.
  • श्रृंगार सामग्री, फल, फूल, बेलपत्र, धतूरा और जल से भगवान शिव का अभिषेक करें.
  • माता गौरी को श्रृंगार का सामान अर्पित करें और सौभाग्य की कामना करें.
  • संध्या समय शिव-पार्वती की कथा सुनें और व्रत का पालन करें.
  • अगले दिन व्रत का पारण करें.

हरतालिका तीज का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास बढ़ता है. यह व्रत न सिर्फ वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाता है, बल्कि संतान प्राप्ति, पति की तरक्की और परिवार में समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करता है.