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जब वेद व्यास के कारण बाल गणेश के शरीर में आ गई थी अकड़न, इसलिए होता है विसर्जन!

देश के कई हिस्सों में उत्साह से गणेश चतुर्थी मनाया जा रहा है. वहीं कई जगहों पर आज भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जा रहा. कहीं-कहीं दसवें दिन विसर्जन होता है. ऐसे में सभी के लिए जानना बेहद जरूरी है कि आखिर भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन क्यों किया जाता है.

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Ganesh ji
Courtesy: Social Media

Ganesh Chaturthi: देश के कई हिस्सों में अब तक धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया जा रहा है. तो कहीं पर इनका विसर्जन कर दिया गया है. कुछ लोग 10 दिनों तक भगवान गणेश की प्रतिमा को अपने घर में रखते हैं तो कुछ लोग तीन दिन में उन्हें विसर्जित कर देते हैं. इस साल भी कुछ लोगों ने ऐसा ही किया है.

ऐसे में सभी के लिए जानना बहुत जरूरी है कि आखिर भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन क्यों किया जाता है. धार्मिक ग्रन्थों के मुताबिक श्री वेद व्यास ने गणेश चतुर्थी से महाभारत कथा श्री गणेश को लगातार 10 दिन तक सुनाई थी जिसे भी श्री गणेश ने अक्षरशः लिखा था.

क्यों करते हैं गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन?

10 दिन बाद जब वेद व्यास जी ने आंखें खोली तो देखा कि 10 दिन की अथक प्रयास के बाद गणेश जी का तापमान ना बढ़े इसलिए वेद व्यास जी ने उनके शरीर पर सुगंधित सौंधी मिट्टी का लेप किया. यह लेप सूखने पर गणेश जी के शरीर में अकड़न आ गई. इस दौरान माटी झरने लगी. तब उन्हें शीतल सरोवर में ले जाकर  पानी में उतारा गया. इस बीच वेदव्यास जी ने 10 दिनों तक श्री गणेश को मनपसंद आहार अपर्ति किए तभी से भगवान गणेश की प्रतिमा का स्थापना और विसर्जन किया जाता है.

लालबागचा राजा के दर्शन

वहीं ऐसे लोग जो भगवान की प्रतिमा को दस 10 के लिए अपने घर लाते हैं, उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की बाल गणेशा को सुस्वादु आहार चढ़ाने की खास प्रथा है. इस बात को हमेशा स्मरण रखना चाहिए. बता दें कि इस साल 7 सितंबर 2024 को गणेश जी की पूजा शुरू हुई थी. जगह-जगह इस पूजा को लेकर लोगों में उत्साह है. वहीं महाराष्ट्र के लालबागचा राजा के दर्शन करने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.