menu-icon
India Daily

लाल, सफेद, हरा... क्रिसमस त्योहार पर ये तीन रंग क्यों माने जाते हैं शुभ? जाने इससे जुड़ा धार्मिक महत्व

क्रिसमस पर घरों के साथ-साथ चर्च, बाजार, दुकानें, होटल और रेस्टोरेंट भी रंगीन सजावट से जगमगाते हैं. कई रंग उपयोग होते हैं, लेकिन लाल, हरा और सफेद पारंपरिक माने जाते हैं, जिनका गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है.

princy
Edited By: Princy Sharma
Christmas 2025 India Daily
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: क्रिसमस दुनिया भर में ईसाई समुदाय द्वारा हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला सबसे खुशी भरा त्योहार है. समय के साथ, यह खूबसूरत त्योहार धर्म से परे हो गया है और अलग-अलग धर्मों के लोग भी अपने घरों पर भी यह तयोहार मनाते हैं. क्रिसमस से हफ्ते पहले ही बाजार रंग-बिरंगी रोशनी, क्रिसमस ट्री, सितारों, स्टॉकिंग्स, सांता कैप और हर जगह फेस्टिव सजावट से चमकने लगते हैं.

क्रिसमस के दौरान, न सिर्फ घर बल्कि चर्च, बाजार, दुकानें, होटल और रेस्टोरेंट भी आकर्षक रंगों से सजाए जाते हैं. गोल्डन, पीला, गुलाबी, नीला, लाल, हरा और सफेद जैसे कई शेड्स इस्तेमाल किए जाते हैं. हालांकि, लाल, हरा और सफेद पारंपरिक क्रिसमस रंग माने जाते हैं. ये रंग ऐसे ही नहीं चुने गए हैं. हर रंग का एक गहरा इतिहास और आस्था, उम्मीद और परंपरा से जुड़ा खास मतलब है.

हरा रंग 

हरा रंग सदाबहार क्रिसमस ट्री से मजबूती से जुड़ा हुआ है. सदाबहार पेड़ों के पत्ते कठोर सर्दियों में भी नहीं झड़ते. जब पौधे सर्दियों में सूख जाते हैं, तो सदाबहार पेड़ ताजे रहते हैं, यह दिखाते हुए कि जीवन और उम्मीद मुश्किल समय में भी बनी रहती है. ईसाई मान्यता में, हरा रंग अनंत जीवन, उम्मीद, नयापन और भगवान के आशीर्वाद का प्रतिनिधित्व करता है. इसीलिए क्रिसमस ट्री हरा होता है और इसका बहुत बड़ा आध्यात्मिक महत्व है.

लाल रंग 

लाल रंग की परंपरा मध्यकालीन यूरोप से आई है. मध्य युग के दौरान, उन लोगों को बाइबिल की कहानियां सिखाने के लिए क्रिसमस की पूर्व संध्या पर नाटक किए जाते थे जो पढ़ नहीं सकते थे. इन नाटकों में ईडन गार्डन को लाल सेबों से सजे पाइन के पेड़ों के साथ दिखाया जाता था. सेब और हॉली बेरी सर्दियों में आसानी से मिल जाते थे, इसलिए वे सजावट का हिस्सा बन गए. समय के साथ, लाल रंग एक मुख्य क्रिसमस रंग बन गया.

सफेद रंग

सफेद रंग पश्चिमी संस्कृति में पवित्रता, शांति और पावनता का प्रतीक है. क्रिसमस सर्दियों में आता है, जब बर्फ हर चीज को सफेद रंग से ढक देती है. 18वीं सदी में, पेड़ों को सजाने के लिए सफेद वेफर्स का इस्तेमाल किया जाता था, जो यीशु मसीह के शरीर का प्रतीक थे, जबकि लाल सेब उनके खून का प्रतीक थे. यीशु के जन्म का स्वागत करने के लिए चर्चों और घरों को सफेद रंग से सजाया जाता था. आज भी, चर्च की सजावट में सफेद रंग एक मुख्य रंग बना हुआ है, जिससे यह क्रिसमस का एक पारंपरिक रंग बन गया है.