Lunar Eclipse Sutak time: साल का आखिरी चंद्रग्रहण आज, कब दिखेगा ब्लड मून? जानें सूतक और मोक्षकाल का सही समय
Lunar Eclipse: साल 2025 का पहला और खास पूर्ण चंद्रग्रहण आज भाद्रपद पूर्णिमा की रात दिखेगा. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद से लोग इसे आसानी से देख सकेंगे. यह साल 2022 के बाद सबसे लंबा ब्लड मून ग्रहण होगा. धार्मिक मान्यताओं अनुसार सूतक और मोक्षकाल का पालन जरूरी है.
Chandra grahan 2025 Time: साल 2025 का पहला और सबसे खास पूर्ण चंद्रग्रहण आज भाद्रपद पूर्णिमा की रात को लगने वाला है. इस बार का नजारा बेहद खास होगा क्योंकि यह भारत के ज्यादातर हिस्सों से आसानी से दिखाई देगा. दिल्ली, मुंबई , कोलकाता , पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों से लोग बिना किसी खास उपकरण या ऊंचाई वाली जगह पर गए बगैर ही इसे देख सकेंगे.
आज का यह ब्लड मून चंद्रग्रहण साल 2022 के बाद सबसे लंबा चंद्रग्रहण होगा. खगोलशास्त्रियों के अनुसार अगला ऐसा दृश्य 31 दिसंबर 2028 को देखने को मिलेगा. चंद्रग्रहण का असर धार्मिक दृष्टि से भी अहम माना जाता है. इसी कारण सूतक और मोक्षकाल का पालन आवश्यक है. आइए जानते हैं इस ग्रहण के समय और इससे जुड़ी मान्यताओं के बारे में विस्तार से.
कब लगेगा चंद्रग्रहण ?
भारतीय समयानुसार चंद्रग्रहण 7 सितंबर की रात 9:57 बजे स्पर्श से शुरू होगा. रात 11:01 बजे पूर्ण चंद्रग्रहण प्रारंभ होगा और 12:23 बजे तक चलेगा. इसका मोक्षकाल 1:27 बजे होगा. कुल मिलाकर यह ग्रहण लगभग 82 मिनट तक चलेगा.
ब्लड मून क्यों कहलाता है ?
पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया से गुजरता है. इसी दौरान यह धीरे-धीरे लाल और नारंगी रंग का नजर आता है. यही कारण है कि इसे ब्लड मून कहा जाता है. सूतक और मोक्षकाल धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण से 9 घंटे पूर्व यानी दोपहर से सूतक काल लग जाता है. इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और पूजा-पाठ भी नहीं किया जाता. ग्रहण समाप्त होने के बाद मोक्षकाल शुरू होता है और इसके उपरांत मंदिर पुनः खोले जाते हैं.
किन राशियों पर असर ?
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार का चंद्रग्रहण मेष , वृषभ , कन्या और धनु राशि को छोड़कर शेष आठ राशियों के लिए अशुभ माना गया है. ऐसे जातकों को ग्रहण दर्शन से बचने की सलाह दी जाती है. गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में विशेष सतर्क रहने की सलाह दी जाती है. इस दौरान सोने, काटने या जोड़ने जैसे कार्यों से दूर रहना चाहिए. मंत्र जाप और भजन करना शुभ माना जाता है. खगोल विज्ञान की दृष्टि से यह ग्रहण खगोल विज्ञान के लिहाज से भी बेहद खास है क्योंकि भारत के लगभग हर हिस्से से साफ आसमान होने पर यह स्पष्ट दिखाई देगा.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.
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