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2026 में हिंदू पंचाग में विशेष संयोग, इस साल पड़ेंगे अधिकमास, जानें आपकी जिंदगी पर कैसा पड़ेगा प्रभाव?

हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2026 बहुत ही अहम होने वाला है. ये नववर्ष बारह नहीं बल्कि तेरह महीनें का होने वाला है. इस साल मलमास लगने के कारण ऐसा होने वाला है. बता दें शास्त्रों में मलमास या अधिकमास को पुरुषोत्तम मास के नाम से जाना जाता है

Meenu Singh
Edited By: Meenu Singh
Ashik Maas 2026- India Daily
Courtesy: Pinterest

Adhik Maas 2026: नया साल शुरु होने में केवल कुछ दिन ही शेष रह गए हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2026 बहुत ही अहम होने वाला है. ये नववर्ष बारह नहीं बल्कि तेरह महीनें का होने वाला है. इस साल मलमास लगने के कारण ऐसा होने वाला है. बता दें शास्त्रों में मलमास या अधिकमास को पुरुषोत्तम मास के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीना को भगवान कृष्ण से जोड़ा गया है. इस कारण ही अधिक मास में आम तौर पर लोग पूजा पाठ, व्रततप आदि करते हैं.  

क्यों लगता है मलमास?

हिंदू पंचांग चंद्र कैलेंडर पर आधारित होता है, जबकि आम कैलेंडर (सूर्य कैलेंडर) में दिन-तिथियों की संख्या ज्यादा होती है। चंद्र कैलेंडर में केवल 354 दिन होते हैं और सूर्य कैलेंडर में 365 दिन। 

इन दोनों में हर साल लगभग 11 दिन का अंतर बनता है. इसे संतुलित करने के लिए हर कुछ वर्षों में एक अतिरिक्त महीना जोड़ा जाता है. इसी महीने को मलमास कहते हैं. यह अतिरिक्त मास आम तौर पर हर तीसरे वर्ष फाल्गुन से कार्तिक मास के बीच किसी भी समय पड़ सकता है.

2026 में कब लगे रहा मलमास 

साल 2026 में मलमास मई के महीने में लगेगा. यह 17 मई से शुरू होकर 15 जून तक रहेगा. इस महीने में हिंदू नया साल 12 की बजाय 13 महीनों का होगा. हिंदू मान्यताओं में मलमास के पहले दिन व्रत रखने को बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पाप कम होते हैं और भगवान की कृपा मिलती है.

मलमास में क्या करें

इस महीने में पूजा-पाठ, दान-पुण्य, जप, तप और गाय की सेवा करना बेहद शुभ माना जाता है. भगवान विष्णु की विशेष पूजा करने से आशीर्वाद मिलता है. इसके अलावा, धार्मिक ग्रंथ जैसे रामायण और गीता का दान करना भी बहुत लाभकारी माना जाता है.

मलमास में क्या न करें

इस महीने में आम तौर पर लोग शुभ कार्या नहीं करते हैं. इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते. माना जाता है कि इस समय किए गए मांगलिक कार्यों से लाभ नहीं मिलता.