कम है सैलरी, फिर भी बनना चाहते हैं मालामाल? जानें कितना करें इन्वेस्ट, कितना खर्च?
India Daily Live
2024/04/03 10:22:16 IST
कितना खर्च, कितना बचत?
आपको हर महीने की 30, 31 या फिर 1 को सैलरी मिलती होगी. अगर आपकी सैलरी कम है तो आपके मन में सवाल होगा कि कितना खर्च करें, कितनी बचत.
Credit: Photo Credit- Social Mediaजान लीजिए गोल्डन फार्मूला
अक्सर आम इंसान को जानकारी नहीं होती कि सैलरी का कितना हिस्सा खर्च किया जाए, कितना खर्च. आइए हम आपको इसका गोल्डन फार्मूला बताते हैं.
Credit: Photo Credit- Social Media50-30-20 बदलेगा लाइफ
सैलरी खर्च करने का एक गोल्डन फार्मूला होता है, जिसे 50-30-20 का नाम दिया गया है. कहा जाता है कि इस फार्मूला को फॉलो करने पर आप मालामाल हो सकते हैं.
Credit: Photo Credit- Social Mediaक्या है 50-30-20 फार्मूला
50-30-20 को गोल्डन फार्मूला भी कहा जाता है. इसका मतलब है कि अगर आपकी इनकम 30 हजार है तो 50 फीसदी यानी 15 हजार आवश्यकताओं पर खर्च होना चाहिए.
Credit: Photo Credit- Social Mediaआसानी से समझें
सैलरी के बाकी बचे 15 हजार में से 30 फीसदी यानी 4500 रुपये अपनी इच्छाओं में खर्च करना चाहिए. और 20 फीसदी यानी 3 हजार इनवेस्ट करना चाहिए.
Credit: Photo Credit- Social Mediaसैलरी के बाकी बचे 15 हजार में से 30 फीसदी यानी 4500 रुपये अपनी इच्छाओं में खर्च करना चाहिए. और 20 फीसदी यानी 3 हजार इनवेस्ट करना चाहिए.
आप अपने फाइनेंस को तीन कैटगरी में बांट सकते हैं, जिसमें आवश्यकता यानी जरूरत, बचत और इच्छा शामिल है. इससे आप तगड़ी सेविंग कर सकते हैं.
Credit: Photo Credit- Social Mediaक्या होनी चाहिए जरूरत?
जरूरत पर आपको सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा खर्च करना है, यानी आप घरेलू खर्च, ग्रॉसरी आदि पर सैलरी का 50 % हर महीने खर्च कर सकते हैं.
Credit: Photo Credit- Social Mediaक्या होनी चाहिए इच्छा?
जरूरत पर आपको सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा खर्च करना है, यानी आप घरेलू खर्च, ग्रॉसरी आदि पर सैलरी का 50 % हर महीने खर्च कर सकते हैं.
Credit: Photo Credit- Social Mediaबचत के लिए कैसे करें इन्वेस्ट
आपकी सैलरी के 20 फीसदी हिस्से को सेविंग में डालना चाहिए. इसमें शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म गोल्स को शामिल कर सकते हैं. इस 20 फीसदी को आप इमरजेंसी फंड में भी खर्च कर सकते हैं.
Credit: Photo Credit- Social Mediaबचत के लिए ये उपाय भी अपनाएं
खर्च को पहचाने, सैलरी आने से पहले बजट बनाएं, अतिरिक्त खर्च घटाएं, सेविंग अकाउंट खुलवाएं, मोबाइल सब्सक्रिप्शन सीमित करे.
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