नूरजहां मुगल इतिहास की एकमात्र ऐसी रानी थीं, जिनके नाम से आधिकारिक सिक्के जारी किए गए थे. यह उस दौर में अभूतपूर्व था, क्योंकि आमतौर पर केवल सम्राटों के नाम पर ही सिक्के जारी होते थे.
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नूरजहां की राजनीतिक मामलों दिलचस्पी
नूरजहां ने न केवल राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप किया, बल्कि कई युद्धों और अभियानों में भी अहम भूमिका निभाई.
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नूरजहां और उनका शिकार का शौक
नूरजहां को शिकार का बेहद शौक था. वह न केवल राजसी जीवन का आनंद लेती थीं, बल्कि तलवारबाजी और तीरंदाजी में भी निपुण थीं. उन्होंने कई बार शिकार अभियानों में भाग लिया और अपनी असाधारण निशानेबाजी का प्रदर्शन किया.
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जब आदमखोर बाघ ने फैलाई दहशत
नूरजहां की बहादुरी का सबसे चर्चित उदाहरण तब सामने आया जब एक आदमखोर बाघ ने इलाके में दहशत फैला दी.
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बाघ का आतंक
यह बाघ जंगलों से निकलकर गांवों में लोगों पर हमला कर रहा था, जिससे आमजन भयभीत थे. सैनिक और शिकारी भी इस बाघ को पकड़ने में नाकाम हो रहे थे. ऐसी स्थिति में नूरजहां ने खुद इसे खत्म करने का निर्णय लिया.
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हाथी की पीठ पर बैठकर किया शिकार
नूरजहां ने हाथी की पीठ पर बैठकर इस आदमखोर बाघ का शिकार किया. उन्होंने अपनी बंदूक से निशाना साधा और एक ही गोली में बाघ को ढेर कर दिया.
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महिलाओं के लिए असाधारण
नूरजहां ने जो यह कारनामा किया था वह उस समय की महिलाओं के लिए असाधारण था, क्योंकि आमतौर पर इस तरह के साहसिक कार्य पुरुषों द्वारा किए जाते थे.
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इतिहास में अमर हो गईं नूरजहां
नूरजहां के इस बहादुरी भरे कार्य ने न केवल उन्हें एक शक्तिशाली महिला के रूप में स्थापित किया, बल्कि उनके प्रशासनिक और सैन्य कौशल को भी उजागर किया.
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नूरजहां की बहादुरी से जुड़े प्रमुख तथ्य
मुगल इतिहास की एकमात्र रानी जिनके नाम से सिक्के जारी हुए. शिकार और युद्ध में थी निपुण. आदमखोर बाघ को अकेले मारकर लोगों को डर से मुक्त किया. मुगल दरबार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.