'ये तबाही है या जलजला?' गाजा की लाशें बता रहीं मर गई इंसानियत!
उम्र 1 साल, चेहरे पर 200 जख्म
सनद-अल-अराबी महज 1 साल की है. उसके चेहरे पर 200 जख्म हैं. ये तस्वीर रूह कंपा देगी.
ये जंग नहीं, जुर्म है इंसानियत पर
इजराइली सेना के तांडव में कौन नहीं आया. गाजा की लाखों की आबादी शहर छोड़कर भाग गई.
कचरे के ढेर की तरह बिखरी लाशें
गाजा और खान युनिस में लाशें कचरे के ढेर की तरह मिलीं. सैकड़ों लोगों के क्षत-विक्षत शव मिले.
इजराइल को पाप पर नहीं है अफसोस
ऐसा नहीं है कि इन तस्वीरों को देखकर इजराइल को किसी बात का गम है. इजराइल को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की बात तक मानने को तैयार नहीं है.
इस जुर्म की सजा क्या है
किसी जंग में नागरिकों पर हुए हमले युद्ध अपराधों में आते हैं. इजराइल ने गाजा में अमानवीयता की हद पार कर दी है.
लाशों के बंधे हाथ, इंसानियत से घिन आ जाएगी
गाजा में मिली लाशें डरा रही हैं. लाशों के हाथ बंधे हैं, किसी का धड़ गायब है तो कहीं कटे हाथ हैं. ये तस्वीरें डरा रही हैं.
सामने से मारी गई हैं गोलियां
कई लाशें ऐसी हैं जिनके सिर में सामने से गोली मारी गई है. किसी का चेहरा बिगड़ गया है. जंग इतनी बुरी होगी, किसी ने सोची नहीं होगी.
समरथ को नहीं दोष
अमेरिका ने कहा कि जांच हो. संयुक्त राष्ट्र ने कहा जांच हो. हैरान करने वाली बात ये है कि इजराइल को ऐसी हर जांच से चिढ़ है. इजराइल ताकतवर है, वह क्यों सुनेगा किसी की.
इस जंग से इजराइल को क्या हासिल हुआ है?
इजराइल को कुछ भी हासिल नहीं हुआ है. गाजा में भीषण तबाही मची है. हमास ने 1000 लोगों का इजराइल में कत्ल किया तो इजराइल ने 10000 से ज्यादा लोगों को मारा. यहां तबाही मरी है, इंसानियत मरी है.
गाजा के सीने में कभी न भरने वाले जख्म!
किसी देश का ताकतवर होना कितना खतरनाक हो सकता है, गाजा की तबाही बता रही है.