जोधा बाई का जन्म हीर कुनवारी के नाम से हुआ था. उनका अन्य नाम हिरा कुनवारी और हर्का बाई भी था.
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मुगल दरबार में नाम
जोधा बाई का नाम मुगल इतिहास में 'मरियम उज जमानी' के रूप में दर्ज है, जो उनके पति अकबर द्वारा दिया गया था. यह उपाधि उन्हें उनके बेटे जहांगीर को जन्म देने के बाद दी गई थी.
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क्वीन मदर
जोधा बाई को हिंदुस्तान की रानी मां के रूप में सम्मानित किया गया था और न केवल अकबर के शासनकाल में, बल्कि उनके बेटे जहांगीर के शासनकाल में भी यह उपाधि उन्हे दी गई थी.
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43 साल तक का शासन
जोधा बाई मुगल साम्राज्य की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली हिंदू मुगल साम्राज्ञी थीं. उनका शासनकाल 43 साल से भी अधिक था.
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धार्मिक स्वतंत्रता
जोधा बाई ने हिंदू धर्म को अपनाए रखा था, हालांकि उन्होंने अकबर से शादी के बाद भी अपने धर्म को कायम रखा.
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हिंदू रीतियां और पूजा
अकबर ने जोधा को राजमहल में हिंदू पूजा करने की स्वतंत्रता दी थी. वह महल में एक मंदिर बनाए रखने की भी अनुमति दी और अकबर कभी-कभी उनकी पूजा में भी शामिल होते थे.
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मुगल दरबार में खास उपाधियां
'मरियम उज जमानी' के अलावा, जोधा बाई को और भी उपाधियां दी गईं, जैसे 'मलिका-ए अज्जमा', 'मलिका-ए-हिंदुस्तान' और 'वली निमत बेगम' (जिसका अर्थ है 'ईश्वर का उपहार'.
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व्यापार में माहिर
जोधा बाई एक कुशल व्यापारी थीं और उन्होंने मसालों और रेशम के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था.