घर की खिड़कियों से लेकर सड़कों तक, कैसे लागू होता है ब्लैकआउट?
Ritu Sharma
2025/05/06 12:44:48 IST
ब्लैकआउट क्या होता है?
ब्लैकआउट एक सैन्य रणनीति है जिसमें रात के समय कृत्रिम रोशनी को बंद किया जाता है ताकि दुश्मन की हवाई हमले की सटीकता घटाई जा सके.
Credit: Social Mediaक्यों लागू होता है ब्लैकआउट?
इसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन के पायलटों को लक्ष्य पहचानने से रोकना होता है, खासकर रात में जब रोशनी ही उनकी आंखें होती हैं.
Credit: Social Mediaघरों और दुकानों पर सख्त नियम
ब्रिटेन में WWII के दौरान खिड़कियों और दरवाजों को काले पर्दों या कार्डबोर्ड से ढंका जाता था ताकि रोशनी बाहर न निकले.
Credit: Social Mediaवाहनों के लिए भी थे अलग निर्देश
वाहनों की हेडलाइट्स पर मास्क लगाए जाते थे और सिर्फ एक ही लाइट जलाने की अनुमति थी ताकि हवाई पहचान न हो सके.
Credit: Social Mediaसड़कें भी हो जाती थीं अंधेरी
सड़कों की लाइटें या तो बंद की जाती थीं या काली करके नीचे की ओर झुकाई जाती थीं ताकि ऊपर से रोशनी न दिखे.
Credit: Social Mediaनिगरानी के लिए तैनात थे ARP वार्डन
ये वार्डन रात में गश्त करते और यदि किसी घर या वाहन से रोशनी दिखती, तो जुर्माना लगाया जाता.
Credit: Social Mediaनागरिकों के जीवन पर पड़ा असर
ब्लैकआउट से रात के समय दुर्घटनाएं, चोरी और आपराधिक घटनाएं बढ़ीं. लोग बाहर निकलने से डरने लगे.
Credit: Social Mediaआंकड़ों से समझें ब्लैकआउट का असर
1939 में ब्रिटेन में ब्लैकआउट के कारण सड़क दुर्घटनाओं से मौतें दोगुनी हो गईं — 1130 की तुलना में पिछले वर्ष 544.
Credit: Social Mediaआधुनिक युग में ब्लैकआउट की भूमिका
आज के युद्ध में सैटेलाइट और रडार टेक्नोलॉजी ब्लैकआउट को कम प्रभावी बनाती हैं, फिर भी यह रणनीति नागरिक सुरक्षा में उपयोगी मानी जाती है.
Credit: Social Mediaभारत में भी हुआ अभ्यास
5 मई 2025 को भारत-पाक तनाव के बीच पंजाब के फिरोजपुर में ब्लैकआउट मॉक ड्रिल हुई, जिससे लोगों को आपात स्थिति के लिए तैयार किया जा सका.
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