सावन का महीना आते ही लोग भगवान शिव की पूजा में लीन हो जाते हैं और खान-पान में भी खास सावधानी बरतते हैं.
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वैज्ञानिक वजह
क्या आप जानते हैं कि सिर्फ धार्मिक नहीं, वैज्ञानिक वजहों से भी सावन में नॉन वेज खाना शरीर के लिए नुकसानदायक माना गया है?
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पाचन तंत्र
सावन में लगातार बारिश के कारण वातावरण में नमी बढ़ जाती है. इस मौसम में हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम धीमा हो जाता है, जिससे भारी खाना (जैसे मांसाहार) पचाना मुश्किल हो जाता है.
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इंफेक्शन
बारिश के मौसम में मांस-मछली जल्दी खराब हो जाते हैं और इनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं. इससे फूड पॉइजनिंग, पेट दर्द और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
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गर्मी और भारीपन
नॉन वेज में फैट और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है, जिसे पचाने में शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. इससे गैस, एसिडिटी और थकान की समस्या बढ़ जाती है.
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धार्मिक मान्यता
हिंदू धर्म के अनुसार सावन में भगवान शिव की पूजा की जाती है और इसे शुद्धता और संयम का महीना माना जाता है. मांसाहार करने से मन अशांत होता है और पूजा-पाठ में मन नहीं लगता.
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इम्यूनिटी
सावन के मौसम में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है. ऐसे में हल्का-फुल्का और शाकाहारी भोजन शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करता है.