हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को इस जानलेवा बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके.
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हेपेटाइटिस बी क्या है?
हेपेटाइटिस बी एक गंभीर वायरल संक्रमण है जो लीवर को नुकसान पहुंचाता है. यह संक्रमित रक्त, सुई या मां से बच्चे में प्रसव के दौरान फैल सकता है.
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भारत में इसका प्रभाव
भारत में करोड़ों लोग हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं, जिनमें से अधिकांश को इसका पता ही नहीं होता. समय पर इलाज न मिलने पर यह लीवर सिरोसिस या लीवर कैंसर में बदल सकता है.
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गर्भवती महिलाओं की जांच है जरूरी
संक्रमित मां से नवजात शिशु को यह वायरस जन्म के समय संक्रमित कर सकता है. इसलिए हर गर्भवती महिला की जांच अनिवार्य है ताकि संक्रमण को रोका जा सके.
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नवजातों का समय पर टीकाकरण
हेपेटाइटिस बी का पहला टीका जन्म के 24 घंटे के भीतर लगवाना बेहद जरूरी है. यह शुरुआती संक्रमण से शिशु की सुरक्षा करता है.
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HBIG की भूमिका
HBIG (हेपेटाइटिस बी इम्युनोग्लोबुलिन) उन नवजातों को दिया जाता है जिनकी मां संक्रमित होती है. यह शिशु को तुरंत संक्रमण से लड़ने में मदद करता है.
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राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम
भारत सरकार ने इस कार्यक्रम के तहत मुफ्त जांच, टीकाकरण और इलाज की सुविधा शुरू की है. इसका लक्ष्य 2030 तक हेपेटाइटिस को समाप्त करना है.
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टीकाकरण है सुरक्षा की कुंजी
हेपेटाइटिस बी का टीका तीन खुराकों में दिया जाता है और यह आजीवन सुरक्षा प्रदान करता है. यह सुरक्षित, प्रभावी और आसानी से उपलब्ध है.
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समय पर जांच है जीवन रक्षक
हेपेटाइटिस के लक्षण शुरू में नजर नहीं आते, इसलिए नियमित जांच जरूरी है क्योंकि समय रहते इसका इलाज हो सके.
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जानकारी फैलाएं, जीवन बचाएं
इस बीमारी से बचाव और इलाज संभव है. अधिक जानकारी के लिए 1800-11-6666 पर कॉल करें और दूसरों को भी जागरूक करें.