वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को संसद में देश का आम बजट पेश करेंगी. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बजट पेश होने से पहले कभी लीक क्यों नहीं होता है?
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कड़ी सुरक्षा के बीच बजट
दरअसल सरकार बजट तैयार करने वाले अधिकारी और कमर्चारी को बजट पेश होने से कुछ दिनों पहले से ही कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जाता है.
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अस्पताल जाने की इजाजत नहीं
इस दौरान उन्होंने ना फोन, ना इंटरनेट और यहां तक की बीमार पड़ने पर अस्पताल जाने की भी इजाजत नहीं होती है. हालांकि नॉर्थ ब्लॉक के भीतर डॉक्टरों की एक टीम हमेशा तैनात रहती है.
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नॉर्थ ब्लॉक के अंदर छपाई
बजट की तैयारी और छपाई प्रक्रिया नॉर्थ ब्लॉक के अंदर कड़ी सुरक्षा के बीच की जाती है. इस दौरान बाहरी व्यक्तियों और मीडिया का प्रवेश पूरी तरह मना होता है.
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लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल
इस दौरान वित्त मंत्रालय के कार्यालय में कोई भी संपर्क की अनुमति नहीं होती. इमरजेंसी में एक लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इस पर केवल इनकमिंग कॉल की ही इजाजत होती है.
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कॉल सुनने का काम
कॉल पर बात करते वक्त इंटेलिजेंस विभाग का एक अधिकारी कॉल सुनने के लिए हमेशा मौजूद रहता है. दिल्ली पुलिस भी हर एक गतिविधि को लेकर अलर्ट रहते हैं.
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14,400 मिनट की कैद
बजट तैयार करने वाले अधिकारी और कर्मचारी को सीसीटीवी की निगरानी में रखा जाता है. यह समय लगभग 14,400 मिनट की कैद की तरह महसूस होती है.
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गुप्त कमरे में रहने की तैयारी
यदि किसी कर्मचारी को आपात स्थिति में गुप्त कमरे से बाहर जाना पड़ता है, तो उसके साथ सुरक्षा कर्मी हमेशा मौजूद रहते हैं.
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गोपनीयता और सुरक्षा
यह पूरी प्रक्रिया बजट दस्तावेज की गोपनीयता और सुरक्षा को सुनिश्चित करती है.