गोल्ड लोन से लेकर UPI तक.., तुरंत पढ़ें बैंकों से जुड़े 7 बड़े बदलाव
Ritu Sharma
2025/04/09 12:18:08 IST
स्ट्रेस्ड एसेट्स के लिए नया समाधान
अब बैंकों को एनपीए निपटाने के लिए सिर्फ एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC) पर निर्भर नहीं रहना होगा. RBI ने एक नया विकल्प दिया है जिसके तहत बैंक अपने खराब कर्ज (स्ट्रेस्ड एसेट्स) को बाजार में बेच सकेंगे.
Credit: Social Mediaको-लेंडिंग का दायरा बढ़ा
अब सिर्फ बैंक और NBFC ही नहीं, बल्कि माइक्रोफाइनेंस और अन्य रेगुलेटेड संस्थाएं भी को-लेंडिंग कर सकेंगी.
Credit: Social Mediaगोल्ड लोन पर यूनिफॉर्म रेगुलेशन की तैयारी
गोल्ड लोन पर अब एक समान नियामकीय दिशा-निर्देश लागू किए जाएंगे. इससे बैंकों और NBFCs के बीच संचालन में एकरूपता आएगी और ग्राहक हितों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
Credit: Social Mediaदो सेक्टरों के लिए नए नियम
बैंक गारंटी और लेटर ऑफ क्रेडिट जैसी सेवाओं पर अब एक समान नियम लागू होंगे. साथ ही, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए PCE से जुड़े दिशा-निर्देश भी संशोधित किए जाएंगे.
Credit: Social MediaUPI ट्रांजैक्शन लिमिट तय करेगा NPCI
RBI अब UPI पेमेंट लिमिट का नियंत्रण NPCI को सौंपेगा. इससे भुगतान सीमा में तेजी से बदलाव किया जा सकेगा और डिजिटल पेमेंट की पहुंच बढ़ेगी.
Credit: Social MediaRegulatory Sandbox होगा ऑन-टैप
अब फिनटेक कंपनियों को इनोवेशन के लिए किसी खास थीम की आवश्यकता नहीं होगी.
Credit: Social Mediaडिजिटल बैंकिंग को मिलेगा नया आयाम
इन सभी बदलावों के पीछे RBI का मकसद है - भारत की फाइनेंसियल सिस्टम को आधुनिक बनाना है.
Credit: Social Media