रतन टाटा की सफलता का सबूत है स्टारबक्स और जगुआर लैंड रोवर


Reepu Kumari
2025/10/09 12:32:06 IST

पहली पुण्यतिथि

    आज रतन टाटा की पहली पुण्यतिथि है. 1991 में टाटा स्टील के अध्यक्ष बने रतन टाटा ने न केवल टाटा समूह को भारत में अग्रणी बनाया, बल्कि वैश्विक स्तर पर इसे पहचान दिलाई.

Credit: Pinterest

टेटली टी अधिग्रहण (2000)

    टाटा टी ने ब्रिटिश चाय कंपनी टेटली को 45 करोड़ डॉलर में अधिग्रहित किया. यह भारतीय कंपनियों द्वारा किए गए पहले बड़े अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहणों में से एक था और टाटा की वैश्विक विस्तार रणनीति की शुरुआत बनी.

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कोरस स्टील (2007)

    ब्रिटेन स्थित इस्पात उत्पादक कोरस का 12.9 अरब डॉलर में अधिग्रहण टाटा स्टील को दुनिया के शीर्ष 10 इस्पात उत्पादकों में शामिल कर गया. इस कदम ने टाटा के वैश्विक औद्योगिक दृष्टिकोण को उजागर किया.

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जगुआर लैंड रोवर (2008)

    फोर्ड से 2.3 अरब डॉलर में जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण टाटा मोटर्स के लिए महत्वपूर्ण क्षण था. इस सौदे ने लक्ज़री ऑटोमोबाइल में टाटा की वैश्विक पहचान को स्थापित किया.

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देवू कमर्शियल वाहन (2004)

    दक्षिण कोरिया की देवू वाणिज्यिक वाहन इकाई का 102 मिलियन डॉलर में अधिग्रहण टाटा मोटर्स के लिए तकनीकी उन्नति और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश का अवसर बना.

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स्टारबक्स के साथ संयुक्त उद्यम (2012)

    टाटा ग्लोबल बेवरेजेस और अमेरिकी स्टारबक्स ने भारत में आउटलेट खोलने के लिए संयुक्त उद्यम पर हस्ताक्षर किए. इस साझेदारी ने टाटा को तेजी से बढ़ते कॉफ़ी खुदरा बाजार में प्रवेश दिलाया.

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वैश्विक रणनीति में रचनात्मक नेतृत्व

    रतन टाटा ने प्रत्येक अधिग्रहण और साझेदारी को रणनीतिक रूप से चुना, जिससे समूह की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में स्थिति मजबूत हुई.

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ब्रांड पुनर्जीवन और तकनीकी उन्नति

    जगुआर लैंड रोवर और देवू अधिग्रहण ने प्रतिष्ठित ब्रांडों को पुनर्जीवित करने और तकनीकी क्षमताओं में सुधार करने में मदद की.

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भारतीय उद्योग के लिए प्रेरणा

    रतन टाटा के वैश्विक सौदे भारतीय उद्योग जगत के लिए मिसाल बने, जिससे युवा उद्यमियों और कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय विस्तार की राह दिखी.

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टाटा समूह का विश्वस्तरीय प्रभाव

    इन सौदों के चलते टाटा समूह अब सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक मजबूत और सम्मानित ब्रांड बन चुका है.

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