अगर कोई व्यक्ति चलने-फिरने में असमर्थ है लेकिन खुद से स्कूटी चलाना चाहता है, तो आज कई कंपनियां ऐसे विकल्प लेकर आई हैं जो पूरी तरह सुविधाजनक और सुरक्षित हैं.
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हैंड कंट्रोल स्कूटी: हाथों से चलाएं, स्वतंत्रता महसूस करें
ऐसे स्कूटी मॉडल्स में ब्रेक और एक्सेलरेटर दोनों हाथ से कंट्रोल होते हैं. इससे पैरों की जरूरत नहीं होती और व्हीलचेयर यूजर भी आसानी से इन्हें चला सकते हैं.
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TVS XL100 Modified: भरोसेमंद और किफायती विकल्प
TVS XL100 को हैंड कंट्रोल के साथ मॉडिफाई करवाकर चलाना बेहद आसान है. इसका वजन हल्का और मेंटेनेंस कम है, जिससे ये रोजमर्रा के लिए उपयुक्त साबित होता है.
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Honda Activa Modified Version: आराम और संतुलन दोनों
होंडा एक्टिवा भारत में सबसे ज्यादा चलने वाली स्कूटी है. इसे भी पैर से अक्षम लोगों के लिए मॉडिफाई किया जा सकता है, जिसमें ब्रेक और एक्सेलरेटर हैंडल पर होते हैं.
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Scooters India Vikram EV: तीन पहियों वाला सुरक्षा विकल्प
यह थ्री-व्हीलर इलेक्ट्रिक स्कूटर खासतौर पर दिव्यांगजनों के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह बैलेंस में मदद करता है और बैकरेस्ट सपोर्ट भी देता है.
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मॉडिफिकेशन कराने के लिए कहां जाएं?
कई शहरों में ऑटोमोबाइल गैरेज और NGO मिलकर टू व्हीलर को दिव्यांग फ्रेंडली बनाते हैं. इसमें ब्रेकिंग सिस्टम, गियर और स्टार्ट ऑप्शन को हैंडल पर लाया जाता है.
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सरकारी सहायता और अनुदान योजनाएं
केंद्र और राज्य सरकारें दिव्यांगजनों के लिए टू व्हीलर खरीदने और मॉडिफाई कराने में अनुदान देती हैं. इसके लिए दिव्यांग सर्टिफिकेट और अन्य कागज़ात जरूरी होते हैं.
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ड्राइविंग लाइसेंस कैसे प्राप्त करें?
दिव्यांगजनों के लिए स्पेशल ड्राइविंग टेस्ट होता है. आरटीओ द्वारा मेडिकल जांच और ट्रेनिंग के बाद उन्हें प्रमाणित लाइसेंस जारी किया जाता है.
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हौसले हों बुलंद तो स्कूटी नहीं, मंजिलें चलती हैं साथ
ये स्कूटी विकल्प न सिर्फ सुविधा देते हैं बल्कि आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास भी बढ़ाते हैं. इनसे लोग अपने काम, पढ़ाई और जीवन को नए ढंग से जी सकते हैं.