करवा चौथ पर छन्नी से पत्नी क्यों देखती हैं पति का चेहरा?


Princy Sharma
2025/10/04 17:03:42 IST

करवा चौथ

    करवा चौथ का व्रत प्रेम, त्याग और समर्पण का प्रतीक है. यह व्रत खासकर सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है.

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परंपरा

    इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. शाम को करवा माता और चंद्रदेव की पूजा के बाद, छन्नी से चांद और फिर पति का चेहरा देखा जाता है.

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छन्नी से पति को क्यों देखते हैं?

    छन्नी में कई छोटे-छोटे छेद होते हैं. जब इससे चांद को देखा जाता है, तो चांद के कई प्रतिबिंब बनते हैं. फिर उसी छन्नी से पति का चेहरा देखा जाता है. जितने प्रतिबिंब दिखते हैं, उतनी ही लंबी उम्र का आशीर्वाद पति को मिलता है.

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रस्म का महत्व

    इस रस्म के बिना करवा चौथ अधूरा माना जाता है. इसलिए महिलाएं इसे पूरी श्रद्धा से निभाती हैं ताकि उनके पति की उम्र और खुशहाली बढ़े.

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वेद-पुराणों

    करवा चौथ का उल्लेख वेदों और पुराणों में भी है. इसे 'करक चतुर्थी' के नाम से जाना जाता है और इसके पीछे एक बहुत ही पुरानी कथा छिपी हुई है.

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धार्मिक मान्यता

    यह व्रत केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि एक धार्मिक कर्तव्य भी है. यह न केवल पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है, बल्कि परिवार की सुख-शांति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है.

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डिस्क्लेमर

    यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.

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