1 या 2 अक्टूबर...कब है दशहरा? जानें डेट, शुभ मुहूर्त और खास परंपराएं


Princy Sharma
2025/09/29 16:45:17 IST

दशहरा

    दशहरा, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक पर्व है. यह पर्व भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है.

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रामायण से जुड़ा महत्व

    दशहरा उस दिन की याद दिलाता है जब भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर माता सीता को मुक्त कराया था. इसे असत्य पर सत्य की और बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व माना जाता है.

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नाम का अर्थ

    ‘दशहरा’ शब्द संस्कृत से बना है जिसका मतलब है दस सिरों का नाश. यानी बुराई के सभी रूपों का अंत.

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तारीख और समय

    दशहरा की तिथि: 2 अक्टूबर 2025 (गुरुवार), दशमी तिथि शुरू: 1 अक्टूबर रात 7:01 बजे, दशमी तिथि समाप्त: 2 अक्टूबर शाम 7:10 बजे

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शुभ मुहूर्त

    विजय मुहूर्त: दोपहर 2:12 बजे से 3:00 बजे तक, अपराह्न पूजा: 1:24 बजे से 3:48 बजे तक. इन समयों को दशहरा पूजा और शस्त्र पूजन के लिए बेहद शुभ माना गया है.

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देवी अपराजिता की पूजा

    मान्यता है कि रावण से युद्ध से पहले भगवान राम ने माता अपराजिता की पूजा की थी. इसलिए दशहरा पर देवी अपराजिता की आराधना करने की परंपरा आज भी है.

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शमी वृक्ष पूजा

    दक्षिण भारत में शमी या जम्मी पेड़ की पूजा की जाती है. माना जाता है कि महाभारत में अर्जुन ने अपने हथियार इसी पेड़ में छिपाए थे.

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महाभारत से संबंध

    पांडवों ने 12 साल के वनवास और 1 साल के अज्ञातवास के बाद विजयादशमी के दिन अपने हथियार वापस पाए और युद्ध में जीत हासिल की थी. इसलिए यह दिन विजय और नई शुरुआत का प्रतीक है.

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नई शुरुआत का पर्व

    दशहरा को कला, शिक्षा और नए काम शुरू करने के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है. कई परिवार इसी दिन बच्चों की पढ़ाई या नई विद्या का शुभारंभ कराते हैं.

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डिस्क्लेमर

    यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.

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