होलिका दहन में जौ की बालियों का क्या महत्व है? 99% लोगों को नहीं होगा पता


Ritu Sharma
2025/02/18 12:05:10 IST

नई फसल के स्वागत की परंपरा

    होलिका दहन में जौ की बालियां जलाने का मुख्य कारण नई फसल का स्वागत करना है. यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने और समृद्धि की कामना का प्रतीक माना जाता है.

Credit: Social Media

फसल की शुभता और उर्वरता का संकेत

    जब होलिका की अग्नि में जौ की बालियां भूनी जाती हैं, तो इसे अच्छी फसल का संकेत माना जाता है. किसान इसे शुभ मानते हैं और यह संकेत देता है कि खेतों में जल्द ही फसल पकने लगेगी.

Credit: Social Media

अनाज का पहला भोग अग्नि को अर्पित करना

    हिंदू परंपराओं के अनुसार, अग्नि को पहला भोग चढ़ाने की परंपरा होती है. होलिका दहन में जौ की बालियां जलाकर यह दर्शाया जाता है कि नई फसल का पहला अंश देवताओं को समर्पित किया जा रहा है.

Credit: Social Media

स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का प्रतीक

    भुने हुए जौ की बालियों को प्रसाद के रूप में घर के सभी सदस्यों को दिया जाता है. इसे खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

Credit: Social Media

बुरी नजर और नकारात्मकता से बचाव

    ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन में जौ की बालियों को जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में किसी भी प्रकार की बुरी नजर नहीं लगती.

Credit: Social Media

वैज्ञानिक कारण - नई फसल का परीक्षण

    प्राचीन समय में किसान जौ की बालियों को भूनकर नई फसल की गुणवत्ता का परीक्षण करते थे. यदि जौ अच्छी तरह भुन जाए तो इसे उन्नत फसल का संकेत माना जाता था.

Credit: Social Media

फसल कटाई का शुभारंभ

    होली के बाद खेतों में फसल कटाई का कार्य शुरू हो जाता है. ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन के बाद फसल पर सुनहरा रंग चढ़ने लगता है, जो अच्छी पैदावार का प्रतीक है.

Credit: Social Media
More Stories