हरियाली तीज का व्रत हर साल सुहागिन महिलाओं द्वारा श्रद्धा भाव से किया जाता है. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक है और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है.
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निर्जला व्रत
इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं, लेकिन कई बार कुछ सामान्य गलतियां होती हैं, जो व्रत के पूर्ण फल को प्रभावित करती हैं. आइए जानें हरियाली तीज व्रत के नियम
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फल का सेवन
हरियाली तीज का व्रत निर्जला होता है, लेकिन अगर स्वास्थ्य की समस्या है तो इसे अपनी क्षमता के अनुसार करें. व्रत के दौरान पानी या फल का सेवन करना व्रत को अधूरा कर देता है, इसलिए इनसे बचें.
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नकारात्मक विचारों से बचें
क्रोध, झूठ या नकारात्मक विचारों से व्रत टूट सकता है, इसलिए शांत और सकारात्मक मन से पूजा करें. इस दिन किसी के प्रति ईर्ष्या रखना व्रत को प्रभावित कर सकता है.
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ध्यान और पूजा
हरियाली तीज का व्रत सूर्योदय से लेकर अगले सूर्योदय तक रहता है. इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती का नाम जपते रहें और तामसिक चीजों से बचें.
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कथा सुनना आवश्यक
व्रत का पूरापन पूजा और कथा सुनने से ही आता है. इस दिन महिलाओं के लिए सोलह शृंगार का खास महत्व है, इसलिए शृंगार को अधूरा न छोड़ें.
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भजन-कीर्तन और जागरण
रात में भजन-कीर्तन करके जागरण करना इस दिन की एक प्रमुख परंपरा है. भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
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शुभ मुहूर्त
व्रत की तिथि: 26 जुलाई 2025 को रात 10:41 बजे से शुरू होगी. वहीं, समाप्ति तिथि: 27 जुलाई 2025 को रात 10:41 बजे तक.