किसने की थी छठ पूजा की शुरुआत?
Reepu Kumari
2025/10/23 15:34:43 IST
छठ पूजा का धार्मिक महत्व
छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की आराधना का पर्व है. यह पूजा केवल भक्ति नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और अनुशासन का प्रतीक मानी जाती है. इस दौरान भक्त बिना नमक, प्याज-लहसुन का भोजन करते हैं और पूरी शुद्धता से व्रत निभाते हैं.
Credit: Pinterestत्रेता युग में छठ पूजा की शुरुआत
रामायण के अनुसार, भगवान राम और माता सीता ने रावण वध के पश्चात पाप से मुक्ति और शुद्धि के लिए सूर्य देव की पूजा की थी. मुग्दल ऋषि के निर्देश पर माता सीता ने मुंगेर के गंगा तट पर छठ पर्व का अनुष्ठान किया था.
Credit: Pinterestसीता चरण मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
बिहार के मुंगेर स्थित सीता चरण मंदिर में आज भी माता सीता के पदचिह्न संरक्षित हैं. यह वही स्थान माना जाता है जहां उन्होंने छठ पूजा का पहला अर्घ्य सूर्य देव को अर्पित किया था.
Credit: Pinterestमहाभारत काल की कथा
महाभारत में द्रौपदी द्वारा सूर्य उपासना करने का उल्लेख मिलता है. उन्होंने अपने परिवार की कठिनाइयों से मुक्ति के लिए यह व्रत किया था. वहीं, सूर्यपुत्र कर्ण को भी छठ पूजा का आरंभकर्ता कहा जाता है, जो प्रतिदिन सूर्य देव को अर्घ्य देते थे.
Credit: Pinterestकलयुग की कथा और देवस्थान की महिमा
कलयुग में बिहार के औरंगाबाद जिले के देव नामक स्थान पर एक कुष्ठ रोगी व्यक्ति ने श्रद्धा से छठ पूजा की और स्वस्थ हो गया. कहा जाता है कि तब से यह परंपरा और भी व्यापक रूप से फैलने लगी.
Credit: Pinterestचार दिनों तक चलने वाला पर्व
छठ पूजा चार दिनों का अनुष्ठान है-नहाय खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य. भक्त पहले दिन पवित्र स्नान करते हैं, दूसरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं और तीसरे-चौथे दिन सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न करते हैं.
Credit: Pinterestबिहार और पूर्वी भारत में प्रमुख आयोजन
बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में छठ पूजा का विशेष महत्व है. गंगा घाट, तालाब और नदियों के किनारे लाखों श्रद्धालु सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं.
Credit: Pinterestछठ पूजा की प्राचीनता और आस्था की निरंतरता
त्रेता युग से लेकर कलयुग तक छठ पूजा की परंपरा अटूट रही है. समय बदलता गया, पर सूर्य उपासना की यह भावना आज भी उतनी ही प्रबल है. यही कारण है कि इसे भारतीय संस्कृति की सबसे प्राचीन और जीवंत परंपराओं में से एक माना जाता है.
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