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पीरियड्स के दौरान इस लड़की से हुई ऐसी भयानक गलती, शरीर से आने लगी मरे हुए चूहे की बदबू, मरने से बाल-बाल बची

22 वर्षीय सवाना ने बताया कि कॉलेज में पढ़ने के दौरान पीरियड्स के आखिरी दिनों में दोस्तों के साथ बाहर जाने से पहले उन्होंने टैम्पॉन का उपयोग किया था लेकिन वह उसे निकालना भूल गईं.

Sagar Bhardwaj

अमेरिका की एक युवती, सवाना मिलर ने हाल ही में अपने जीवन का एक ऐसा अनुभव साझा किया है, जो हर महिला के लिए एक गंभीर चेतावनी हो सकता है. रियलिटी शो ‘द सर्कल’ (सीजन 7) की प्रतिभागी रह चुकीं सवाना ने बताया कि उन्होंने अनजाने में अपने शरीर में लगभग एक महीने तक टैम्पॉन छोड़ दिया था, जिसके कारण उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा. यह कहानी महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति सतर्क रहने का महत्वपूर्ण संदेश देती है.

लापरवाही बनी मुसीबत

22 वर्षीय सवाना ने बताया कि कॉलेज में पढ़ने के दौरान मासिक धर्म के आखिरी दिनों में दोस्तों के साथ बाहर जाने से पहले उन्होंने टैम्पॉन का उपयोग किया. अगले दिन, जब उनका पीरियड समाप्त हुआ, तो उन्हें लगा कि टैम्पॉन अपने आप निकल गया, क्योंकि उसका धागा दिखाई नहीं दे रहा था. उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया और बात टल गई लेकिन यह छोटी-सी लापरवाही उनके लिए खतरनाक साबित हुई. उनके शरीर में अजीबोगरीब लक्षण दिखाई देने लगे. उन्होंने कहा कि उनके शरीर में खुजली होने लगी, शरीर से असामान्य रूप से तेज बदबू आने लगी.

सवाना ने कहा, “ऐसा लग रहा था मानो मेरे शरीर के अंदर कुछ सड़ गया हो.” यह स्थिति इतनी गंभीर थी कि कॉलेज की कक्षाओं में बैठना भी उनके लिए मुश्किल हो गया. सवाना ने यूनिवर्सिटी हेल्थ क्लिनिक में कई बार जांच कराई, लेकिन शुरुआत में डॉक्टर समस्या की जड़ तक नहीं पहुंच सके. यौन संक्रमण (STI) की जांच नेगेटिव आई, और बैक्टीरियल वैजिनोसिस का शक भी गलत साबित हुआ. इस दौरान अगली माहवारी में नए टैम्पॉन के उपयोग से पुराना टैम्पॉन और भीतर चला गया, जिससे दुर्गंध और बढ़ गई.

जांच में खुलासा

लगातार बिगड़ती स्थिति के बाद तीसरी जांच में सवाना के यूरिन के नमूने में कॉटन के रेशे मिले. इसके आधार पर डॉक्टरों को शक हुआ और विस्तृत जांच की गई. जांच में पता चला कि पुराना टैम्पॉन गर्भाशय ग्रीवा (uterine cervix) के पास फंस गया था. इसे तुरंत निकाला गया, जिससे सवाना को राहत मिली.

टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का खतरा

सवाना की किस्मत अच्छी थी कि उन्हें टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (TSS) नहीं हुआ. यह एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा संक्रमण है, जो लंबे समय तक टैम्पॉन शरीर में रहने से हो सकता है. TSS के कारण अंग काम करना बंद कर सकते हैं, मरीज कोमा में जा सकता है, या मृत्यु तक हो सकती है. 1990 के दशक में ऐसे मामलों के बाद टैम्पॉन कंपनियों ने पैकेट पर चेतावनी देना शुरू किया कि हर आठ घंटे में टैम्पॉन बदलना अनिवार्य है.

महिलाओं के लिए सीख

सवाना की यह कहानी महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने की सलाह देती है. छोटी-सी लापरवाही भी गंभीर परिणाम ला सकती है. टैम्पॉन का उपयोग करते समय समय पर इसे बदलना और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है.