Master Thief Dhani Ram Mittal: धनी राम मित्तल. 85 साल का ये शख्स अब इस दुनिया में नहीं रहा. इसने इतनी चोरियां की थी कि इसे मास्टर चोर कहा जाता है. साइंस ग्रेजुएट मित्तल स्टेशन मास्टर की नौकरी भी करता था. साल 1969 का एक हिस्सा है. मित्तल ने कोर्ट की पार्किंग में खड़ी एक गाड़ी चुरा ली. इससे उसके मन में जज बनने की इच्छा जागी.
इच्छा जागते ही उसने हरियाणा के झज्जर के मजिस्ट्रेट की झूठी का पेपर तैयार करके उन्हें छुट्टी पर भेज दिया और खुद को वहां का मजिस्ट्रेट बना दिया. कानून को भी उन पर शक नहीं हुआ. वहां, काम करने वाले लोगों को लगा की नए मजिस्ट्रेट आए हैं.
धनी राम मित्तल को लगने लगा कि वह कानून की नजर में आ रहा है तो उसने अपना पेशा बदल लिया. और खुद को हरियाणा के ट्रांसपोर्ट विभाग में क्लर्क बना लिया. यहां उसने लोगों के फर्जी लाइसेंस बनवाए. कुछ ही दिनों में वह इस काम से भी ऊब गया. उसने कलकत्ता का रुख किया और Graphology का कोर्स किया. लेकिन जो मजा कार चुराने और कोर्ट जाने में था वह कोलकाता में नहीं आ रहा था.
कोलकाता से मित्तल ने फिर से हरियाणा का रुख किया. और इस बार वह लॉ की प्रैक्टिस करने लगा. और फ्री टाइम में वह कारों की चोरी करता था. 1960 से 2000 के बीच मित्तल के ऊपर हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान और पंजाब में चोरी के लगभग 150 केस थे.
धनी राम मित्तल चोरी से लेकर जालसाजी के केस में कई 100 बार जेल जा चुका था. क्रिमिनल हिस्ट्री के अलावा मित्तल एक स्टोरी टेलर भी था. शुक्रवार को मित्तल की मौत हो गई. डॉक्टरों ने बताया कि हार्ट अटैक की वजह से उसकी मौत हुई. वह लंबे समय से बीमार था.