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मुंबई में पहली बार 'हलाल मुस्लिम डेटिंग', अब्बा, अम्मी और भाई के साथ जा सकती हैं मुस्लिम लड़कियां, देखें वायरल वीडियो

Halal Dating: ‘हलाल डेटिंग’ इस्लामिक परंपराओं के अंतर्गत डेटिंग का एक वैकल्पिक तरीका है. इसमें अविवाहित पुरुष और महिलाएं, मेहरम यानी (परिवार के करीबी पुरुष सदस्य) की निगरानी में एक-दूसरे से मिलते हैं. इस पहल का उद्देश्य संभावित जीवनसाथी की तलाश को इस्लामी सिद्धांतों के अनुसार सुविधाजनक बनाना है.

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Edited By: Babli Rautela
Halal Dating
Courtesy: Social Media

Halal Dating: मुंबई में फरवरी 2025 में होने वाला हलाल मुस्लिम कार्निवल इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. इस तीन दिन के कार्यक्रम का उद्देश्य इस्लामी परंपराओं और आधुनिक जीवनशैली के बीच संतुलन बनाना है. आयोजकों ने इसे भारत का पहला मॉडेस्ट फैशन और अवॉर्ड शो बताया है, जहां हलाल डेटिंग जैसी पहल को प्रमुखता दी जाएगी.  

क्या है हलाल डेटिंग

‘हलाल डेटिंग’ इस्लामिक परंपराओं के अंतर्गत डेटिंग का एक वैकल्पिक तरीका है. इसमें अविवाहित पुरुष और महिलाएं, मेहरम यानी (परिवार के करीबी पुरुष सदस्य) की निगरानी में एक-दूसरे से मिलते हैं. इस पहल का उद्देश्य संभावित जीवनसाथी की तलाश को इस्लामी सिद्धांतों के अनुसार सुविधाजनक बनाना है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि बातचीत इस्लामिक दिशा-निर्देशों के अंतर्गत हो, परिवार के किसी सदस्य की उपस्थिति जरुरी है. डेटिंग प्रक्रिया सार्वजनिक सेटिंग में होती है. इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य निकाह या वैवाहिक जीवन के लिए एक सही साथी चुनना है.  

क्या है मुस्लिम कार्निवल में खास

इस्लामोपीडिया और हीना दाऊद इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के आयोजित इस कार्निवल में अलग अलग गतिविधियां शामिल होंगी. इसमें इस्लामिक फैशन शो होंगे जिसमें पारंपरिक और आधुनिक इस्लामी परिधानों का प्रदर्शन होगा. नेटवर्किंग होगी, जिसमें मुस्लिम प्रभावशाली व्यक्तित्वों और उद्यमियों के साथ संवाद का अवसर मिलेगा. इसके साथ ही इसमें एंट्री फ्री है, यानी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम में एंट्री फ्री रखी गई है.  

हलाल डेटिंग पर सोशल मीडिया यूजर्स के रिएक्शन

इस पहल को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई है. कई यूजर्स ने इसे 'हराम' करार दिया और इस्लामिक सिद्धांतों के खिलाफ बताया. एक यूजर ने लिखा, 'यह इस्लाम का पालन नहीं, बल्कि एक नई परंपरा की शुरुआत है.' वहीं कुछ सोशल मीडिया यूजर्स और इस्लामी विद्वानों का मानना है कि अगर यह प्रक्रिया धार्मिक दिशा-निर्देशों के अनुसार हो, तो यह युवा मुसलमानों के लिए वैवाहिक संबंध तलाशने का एक अनुमेय तरीका हो सकता है. मुफ्ती मेंक ने भी हलाल बैठकों के कुछ नियम सुझाए, जैसे माता-पिता की जानकारी में बैठकें आयोजित करना और सार्वजनिक स्थलों पर मिलना.  

मुंबई का यह हलाल मुस्लिम कार्निवल परंपरा और आधुनिकता के बीच एक पुल बनाने की कोशिश है. जहां एक ओर यह पहल कई लोगों के लिए वैवाहिक जीवन की संभावनाओं को खोजने का अवसर प्रदान करती है, वहीं दूसरी ओर इसकी आलोचना यह दिखाती है कि परंपराओं और बदलाव के बीच सामंजस्य बनाना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.