'गर्लफ्रेंड उत्तराखंड जा रही, समय बिताने के लिए चाहिए लीव’, कर्मचारी का मेल देखकर मैनेजर को नहीं हुआ भरोसा, दुनिया को बताई ईमानदारी की कहानी
ऑफिस कल्चर में आ रहे बदलाव की एक मिसाल सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. एक कर्मचारी ने बिना कोई बहाना बनाए अपनी गर्लफ्रेंड के साथ समय बिताने के लिए मैनेजर से छुट्टी मांगी.
नई दिल्ली: काम और निजी जीवन के बीच संतुलन को लेकर आज के ऑफिस माहौल में सोच तेजी से बदल रही है. पहले जहां निजी वजहों से छुट्टी लेना असहज माना जाता था, अब वहां साफ-साफ बात रखने को प्राथमिकता दी जा रही है.
इसी बदलती सोच का एक उदाहरण हाल ही में सामने आया, जब एक कर्मचारी ने ईमानदारी के साथ अपने मैनेजर से एक दिन की छुट्टी मांगी. उसकी वजह सुनकर न सिर्फ छुट्टी मंजूर हुई, बल्कि यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा में आ गया.
बिना बहाने के मांगी गई छुट्टी
कर्मचारी ने अपने मैनेजर को मेल लिखकर बताया कि उसकी गर्लफ्रेंड 17 दिसंबर को उत्तराखंड अपने घर जा रही है और जनवरी की शुरुआत तक वापस नहीं आएगी. ऐसे में वह उसके जाने से पहले 16 दिसंबर को उसके साथ समय बिताना चाहता है. मेल में न कोई बहाना था और न ही काम से बचने की कोशिश, बल्कि सिर्फ सीधी और सच्ची बात रखी गई थी.
मैनेजमेंट तक ऐसे पहुंचा मामला
यह मेल ओरल केयर ब्रांड के डायरेक्टर विरेन खुल्लर तक पहुंचा. उन्होंने इस छुट्टी की रिक्वेस्ट का स्क्रीनशॉट अपने लिंक्डइन अकाउंट पर साझा किया. पोस्ट में उन्होंने लिखा कि पहले लोग ऐसी परिस्थितियों में अचानक बीमार होने का बहाना बनाते थे, लेकिन अब कर्मचारी पहले से योजना बनाकर और ईमानदारी से बात रखने लगे हैं.
मैनेजर का जवाब बना चर्चा का विषय
इस छुट्टी के जवाब में मैनेजर ने मजाकिया अंदाज में लिखा, 'प्यार को मना नहीं किया जा सकता, छुट्टी मंजूर.' यही लाइन सोशल मीडिया पर लोगों को खूब पसंद आई. यह जवाब न सिर्फ हल्का-फुल्का था, बल्कि कर्मचारी के निजी जीवन के प्रति समझ और सम्मान को भी दिखाता है.
सोशल मीडिया पर मिली सराहना
लिंक्डइन पर इस पोस्ट के वायरल होते ही लोगों की प्रतिक्रियाएं आने लगीं. कई यूजर्स ने कर्मचारी की ईमानदारी की तारीफ की, तो कई ने मैनेजर की सोच को सराहा. लोगों का कहना था कि ऐसा माहौल कर्मचारियों को मानसिक रूप से बेहतर महसूस कराता है और काम में भी सकारात्मक असर डालता है.
बदलते वर्क कल्चर की झलक
यह मामला दिखाता है कि आज के वर्कप्लेस में भरोसा और पारदर्शिता को कितनी अहमियत दी जा रही है. कर्मचारी बिना डर के अपनी बात रख पा रहे हैं और मैनेजमेंट भी निजी जीवन को सम्मान दे रहा है. यह घटना एक हेल्दी और संतुलित वर्क कल्चर की साफ झलक पेश करती है.