menu-icon
India Daily

गलियों में संगीत बजाकर पैसे जुटाता है यह 73 साल पूर्व ऑटो ड्राइवर, लेकिन पैसे मांगने में छुपा है एक खूबसूरत राज

चटर्जी ने बताया कि दास को उनके परिवार से कोई मदद नहीं मिलती और वह अपने परिवार को त्याग चुके हैं. उन्होंने बचपन में ही संगीत सीख लिया था जो आज उनकी कमाई का जरिया साबित हो रहा है.

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
Subrata Das
Courtesy: instagram

दुनिया के ज्यादातर लोग अपने और अपने परिवार के लिए कमाते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवा रहे हैं जो कमाता तो है लेकिन अपने या अपने परिवार के लिए नहीं बल्कि आवारा कुत्तों के लिए. यह 73 वर्षीय शख्स सड़क किराने बैठकर और गलियों में घूमकर अपने संगीत का प्रदर्शन करता है और इसके एवज में उसे जो पैसे मिलते हैं उन पैसों को वह आवारा कुत्तों के खाने और उनकी देखभाल पर खर्च कर देता है.

अराधना चटर्जी का ध्यान शख्स पर उस वक्त गया जब वह कोलकाता की एक व्यस्त सड़क के किनारे बैठकर कीबोर्ड और माउथ ऑर्गन बजा रहे थे.

अराधना ने शख्स का वीडियो शेयर कर बताया कि वह अपने लिए नहीं बल्कि आवारा कुत्तों के लिए हर दिन संगीत बजाकर पैसे कमाते हैं. और वह ऐसा पिछले 35 सालों से करते आ रहे हैं.

हर दिन 500 रुपए कुत्तों पर खर्च

चटर्जी ने बताया कि वह हर दिन 500 रुपए आवारा कुत्तों के खाने पर खर्च करते हैं. उन्होंने कहा कि सुब्रत दास 73 साल के हैं. पिछले 30 सालों से वह अपनी जीविका के लिए ऑटो रिक्शा चला रहे थे. 

चटर्जी ने बताया कि दास को उनके परिवार से कोई मदद नहीं मिलती और वह अपने परिवार को त्याग चुके हैं. उन्होंने बचपन में ही संगीत सीख लिया था जो आज उनकी कमाई का जरिया साबित हो रहा है.

चटर्जी ने कहा कि उन्होंने मुझे याद दिलाया कि दयालुता कितनी शक्तिशाली हो सकती है. मैंने भी उनकी छोटी सी मदद की लेकिन मैं सोशल मीडिया का जादू जानती हूं यह एक जादूई स्थान है और हम एक साथ मिलकर उनकी बड़े पैमाने पर मदद कर सकते हैं. अगली बार जब आप सुब्रत दा जैसे व्यक्ति से मिलें तो याद रखें कि एक छोटा सा योगदान एक बड़े मिशन को पूरा कर सकता है.

ठान लो तो कुछ भी असंभव नहीं

चटर्जी ने आगे लिखा कि जब आप ठान लेते हैं तो कुछ भी असंभव नहीं रह जाता, सुब्रत दास ने यह साबित किया है. वह हर दिन लेक मॉल, लेक मार्केट राशबिहार, कोलकाता के सामने रात 8 बजे से 10.30 बजे तक बजाते हैं.