यूं ही नहीं मिली आजादी, जख्मों से भरी है भारत विभाजन की दास्तान
देश आज अपनी आजादी का 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. यह आजादी ऐसे ही नहीं मिली है. आजादी के बाद हमें विभाजन की विभीषिका को भी झेलना पड़ा था. जिसके बारे में बात कर मन सिहर जाता है.
देश आज 78वां स्वतंत्रा दिवस मना रहा हैं. हर हिंदुस्तानी जश्न में डूबा हैं. अंग्रेजों से सैकड़ों सालों की गुलामी से निजात पाने के लिए असंख्य लोगों ने कुर्बानी दी. देश अंग्रेजों की गुलामी से तो साल 1947 में आजाद हो गया लेकिन उसी वक्त हमे बंटवारे का ऐसा गम भी दे गया जिसके बारे में सोचकर ही शरीर में सिहरन उठ जाती हैं. लाखों हिंदुस्तानी बंटवारे की भेट चढ़ गए. इस दौरान इंडिया डेली लाइव की टीम ने बंटवारे के गवाहों को खोजा. उन्होंने विभाजन की जो दास्तान सुनाई उसे जान आप रो पड़ेंगे.