हरियाणा के परिवार पहचान पत्र की सच्चाई क्या है? समझिए क्या हैं समस्याएं
Parivar Pahchan Patra: हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की सरकार के समय शुरू की गई परिवार पहचान पत्र योजना लोगों को सुविधा दिलाने के बजाय समस्याओं की जड़ बन गई है.
हरियाणा में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है. सभी 90 सीटों पर 1 अक्तूबर को वोट डाले जाएंगे. ऐसे में इंडिया डेली लाइव ने 'सुनिए सरकार' के जरिए परिवार पहचान पत्र से जुड़ी सच्चाई और जमीन पर उससे जुड़ी समस्याओं की पड़ताल की है. इस पहचान पत्र को लेकर सरकार की ओर से तमाम दावे किए गए थे कि लोगों को पेंशन जैसी योजनाओं का इसका फायदा मिलेगा. हालांकि, शुरू से ही इसको लेकर विवाद होता रहा और यह पहचान पत्र बनाने में लोगों को कई तरह की समस्याएं भी हुईं.
स्थानीय लोगों ने इस परिवार पहचान पत्र के बारे में कहा कि कार्ड बनाने वाली एजेंसी ने अपने मन से लोगों की आय लिख डाली जिसके चलते कई परिवारों को बीपीएल योजना का लाभ मिलना ही बंद हो गया. कई लोगों की वृद्धा पेंशन भी बंद हो गई. फायदा मिलने के बजाय कई योजनाओं के फायदे मिलने ही बंद हो गए. ऐसे में लोग अब इसे ठीक करवाने के लिए लाइन में लगे हुए हैं और तमाम समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं. इतना ही नहीं, हर काम में इसे अनिवार्य कर दिया है लेकिन लोगों को चक्कर में काटने पड़ रहे हैं.
लोगों का कहना है कि आप चक्कर काटते रहो लेकिन ये फैमिली आईडी बनती ही नहीं. इंडिया डेली लाइव के कैमरे पर लोगों ने बताया कि कभी वे बैंक जाते हैं, कभी आधार कार्ड ठीक कराते हैं तो कभी फैमिली कार्ड ठीक कराते रहते हैं लेकिन सुविधाओं के फायदे नहीं मिल पाते.