जीवन से दुख और भय को करना है दूर, देवकीनंदन महाराज से सुनें शिव पुराण कथा
Devkinandan Maharaj Ji: भगवान शिव की महिमा का गुणगान कई प्राचीन भारतीय ग्रंथों में किया गया है. लेकिन शिव पुराण के सबसे ज्यादा महत्व होता है क्योंकि इसमें उनके जीवन पर ज्यादा गहराई से बताया गया है. शिव पुराण में भोलेनाथ का जीवन, विवाह, संतान, रहन-सहन के अलावा कई चीजों के बारे में बताया गया है. आइए सुनते हैं देवकीनंदन महाराज के साथ शिव पुराण कथा.

Shiv Puran Katha: भगवान शिव की महिमा का गुणगान कई प्राचीन भारतीय ग्रंथों में किया गया है. लेकिन शिव पुराण के सबसे ज्यादा महत्व होता है क्योंकि इसमें उनके जीवन पर ज्यादा गहराई से बताया गया है. शिव पुराण में भोलेनाथ का जीवन, विवाह, संतान, रहन-सहन के अलावा कई चीजों के बारे में बताया गया है. शिव पुराण में 6 खंड और 24000 श्लोक शामिल हैं. इन खंडों का विद्येश्वर संहिता, रुद्र संहिता, कोटिरुद्र संहिता, उमा संहिता , कैलास संहिता और वायु संहिता के नाम है.
शिव पुराण पढ़ने और सुनने के महत्व
भगवान शिव की कृपा से भक्तों से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. शिव पुराण का पाठ पढ़ने और सुनने से व्यक्ति को भय से मुक्ति मिलती है. इसके साथ भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है. ऐसे में अगर आप अपने में जीवन किसी चीज को लेकर परेशान हैं तो शिव पुराण का पाठ सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है. वहीं, अगर सावन के महीने में शिव पुराण का पाठ पढ़ने या सुनने से सभी दुख नष्ट हो जाते हैं. इसके अलावा मानसिक शांति की प्राप्ति होती है.
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