नई दिल्लीः भारत अनाज उत्पादन में दुनिया के अग्रणी देशों की सूची में शामिल है.अगर हम अनाज का निर्यात करना बंद कर दें तो कई देशों में खाद्यान्न संकट जन्म ले सकता है. सरकार देश में बढ़ती कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए कई खाद्य पदार्थों पर बैन लगा चुकी है. इसी कड़ी में सबसे बड़ा सवाल यह है कि गेहूं, चावल के बाद सरकार क्या चीनी पर भी प्रतिबंध लगाने वाली है. देश में चीनी की क्या स्थिति है आज हम आपको इस बारे में बताएंगे.
फिलहाल कोई योजना नहीं
चीनी के निर्यात पर बैन को लेकर सरकार ने कहा कि अभी तक उसने प्रतिबंध को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है और न ही इस तरह का कोई विचार है. सरकार ने कहा है कि वर्ष 2023-24 में पैदा होने वाले गन्ने की स्ठिति के बारे में जब तक स्पष्ट नहीं हो जाता है तब तक चीनी के निर्यात को बैन करने की कोई योजना नहीं है.
रिपोर्ट में बैन करने की हुई थी बात
कुछ दिन पहले आई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि भारत चीनी के निर्यात पर बैन लगाने का विचार कर रहा है. रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सरकार अक्टूबर माह में शुरु होने वाले सीजन से पहले चीनी मिलों को चीनी के निर्यात पर रोक लगाने को कहा गया है. मीडिया रिपोर्ट में इसके पीछे की बड़ी वजह कम बारिश बताया था. जिसके कारण गन्ने की पैदावार कम हुई है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि सरकार यदि निर्यात पर बैन करती है तो यह 7 साल बाद भारत की ओर से इस प्रकार का निर्णय होगा.
सरकार इतना कर सकती है भंडारण
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने जो जानकारी दी है उसके बाद चीनी के निर्यात की आशंकाएं न के बराबर हैं. सरकार ने कहा है कि प्राथमिक घरेलू खपत और इथेनॉल के उत्पादन के लिए 60 लाख टन चीनी का सुरक्षित भंडार बना सकती है. सरकार इससे पहले 22-23 में चीनी के निर्यात पर सीमित पाबंदी लगा चुकी है.
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