आज से PUC सर्टिफिकेट नहीं देंगे दिल्ली के पेट्रोल पंप, समझ लीजिए क्या है वजह
15 जुलाई यानी आज से दिल्ली में अपने खुदरा दुकानों पर पीयूसी केंद्रों को बंद करने का ऐलान किया है, जो किसी भी तरह से पीयूसी केंद्रों के संचालन में डीलरों के घाटे को कम नहीं करेगा. आज से राजधानी दिल्ली के पेट्रोल पंप वाले PUC सर्टिफिकेट नहीं देंगे. हालांकि कुछ लोग अब इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि डीडीए का यह फैसला सही नहीं है.
राजधानी दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर आज यानी सोमवार से प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) नहीं बनेंगे. इसका संचालन करने वाले दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन का दावा है कि 2011 के बाद से पीयूसी दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है. इस वजह से इसका संचालन करना आर्थिक रूप से मुश्किल हो रहा है. उनकी मांग है कि इस वृद्धि पर विचार किया जाए और अन्य परिचालन लागतों के लिए मुद्रास्फीति सूचकांक को ध्यान में रखा जाए. साथ ही इस फीस को बढ़ाकर दो पहिया वाहनों के लिए 150 और चार पहिया वाहनों के लिए 200 व डीजल वाहनों के लिए 300 रुपये कर दिया जाए.
दिल्ली के जनपथ, बाबा खड़क सिंह मार्ग, धौला कुआं, भाई वीर सिंह मार्ग और आर के पुरम सहित कई इलाकों के पीयूसी केंद्रों पर रविवार को अपने वाहनों की जांच करवाने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे थे. वहीं गोल मार्केट में पीयूसी कराने आए महेश ने बताया कि आवश्यक काम के सिलसिले से जाना था लेकिन इस हड़ताल के बारे में सूचना मिलते ही वाहन की जांच करवाने आ गए. उन्होंने बताया कि डीडीए का यह फैसला सही नहीं है. वह इस शुल्क में बढ़ोतरी की बात कर रहे हैं. महंगाई इतनी हो गई है.
'PUC केंद्रों का संचालन अव्यवहारिक है..'
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, 'PUC केंद्रों का संचालन अव्यवहारिक है. इसलिए कई पीयूसी केंद्रों ने पिछले कुछ महीनों में अपने लाइसेंस वापस कर दिए हैं. इसलिए दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की प्रबंध समिति ने पीयूसी प्रमाण पत्र बंद करता है. मनमानी और अत्यधिक अपर्याप्त वृद्धि के मद्देनजर 15 जुलाई यानी आज से दिल्ली भर में अपने खुदरा दुकानों पर पीयूसी केंद्रों को बंद करने का संकल्प लिया है, जो किसी भी तरह से पीयूसी केंद्रों के संचालन में डीलरों के घाटे को कम नहीं करेगा'.
छह साल पहले इसमें हुआ था संसोधन
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने परिवहन विभाग और परिवहन मंत्री को आठ साल तक पत्र लिखने के बाद उसकी अव्यवहारिकता के कारण 1 जुलाई से पीयूसी केंद्रों को बंद करने का आह्वान किया था. एसोसिएशन ने कहा कि पीयूसी दरों में अंतिम बार छह साल पहले के अंतराल के बाद 2011 में संशोधन किया गया था और तब प्रतिशत वृद्धि 70 फीसदी से अधिक थी. बता दें कि दिल्ली सरकार ने बीते गुरुवार को करीब 13 साल के अंतराल के बाद पेट्रोल, सीएनजी और डीजल वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट शुल्क में बढ़ोतरी की है. यह बढ़ोतरी 20 से 40 रुपये के बीच है.