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India Daily

रास्तों की जानकारी कैसे देता है Google Maps? नहीं जानते होंगे 99% लोग

How Google Maps Works: दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला नेविगेशन टूल गूगल मैप्स है, जो रास्तों की जानकारी विभिन्न स्रोतों से इकट्ठा करता है. इसमें सैटेलाइट इमेजरी, गूगल स्ट्रीट व्यू, यूजर्स का डाटा, सरकारी नक्शे और क्राउडसोर्सिंग शामिल हैं. गूगल का AI और मशीन लर्निंग सिस्टम इन डेटा को प्रोसेस कर रियल-टाइम ट्रैफिक और दिशा-निर्देश प्रदान करता है.

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Edited By: Shilpa Srivastava
How Google Maps Works
Courtesy: Freepik

How Google Maps Works: गूगल मैप्स दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला नेविगेशन टूल है. हम सब इसका इस्तेमाल रास्तों को जानने और दिशा-निर्देश लेने के लिए करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गूगल मैप्स को रास्तों की जानकारी कहां से मिलती है? गूगल मैप्स डाटा इक्ट्ठा करने के लिए कई टेक्नोलॉजी और सोर्सेज का इस्तेमाल करता है. आइए, जानते हैं इसके काम करने के सिस्टम और डाटा के सोर्सेज के बारे में.

गूगल मैप्स कैसे काम करता है: यह कई तरह से जानकारी आप तक पहुंचाता है. इसमें डाटा कलेक्शन, डाटा प्रोसेसिंग, रियल टाइम डाटा और नेविगेशन और सर्विसेज शामिल हैं. अब यह कैसे होता है, ये भी जान लेते हैं. 

डाटा कलेक्शन: 

डाटा प्रोसेसिंग: 

गूगल का AI और मशीन लर्निंग सिस्टम इक्ट्ठा किए गए डाटा को प्रोसेस करता है. यह सड़कों, बिल्डिंग्स और ट्रैफिक की पहचान करता है. इसके बाद यह सभी डाटा को इस तरह से प्रोसेस करता है, जिससे यूजर्स को सही दिशा-निर्देश मिल सकें.

रीयल-टाइम डाटा: 

  • मोबाइल यूजर्स से डाटा: गूगल मोबाइल यूजर्स से उनकी स्पीड और लोकेशन की जानकारी प्राप्त करता है.

  • सेंसर और कैमरा: गूगल स्मार्ट ट्रैफिक लाइट और अन्य सेंसर से डाटा प्राप्त करता है, जो ट्रैफिक की स्थिति के बारे में जानकारी देते हैं.

नेविनेविगेशन और सर्विसेज: 

गूगल मैप्स रीयल-टाइम ट्रैफिक स्थिति, शॉर्टकट्स, और वैकल्पिक मार्गों के बारे में जानकारी देता है. इसके अलावा, यह आवाज आधारित नेविगेशन भी देता है जिससे यूजर्स को बिना देखे रास्त मिल जाता है.