ठंड में बढ़ जाता है गीजर फटने का खतरा? इन टेक टिप्स को करें फॉलो; रहेंगे सेफ

सर्दियों में गीजर का इस्तेमाल बढ़ जाता है, लेकिन नहाते समय उसे चालू रखना खतरनाक हो सकता है. इससे ब्लास्ट, करंट, वायर ओवरहीट और पानी के प्रेशर में गड़बड़ी जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

Gemini
Reepu Kumari

सर्दी के मौसम में गर्म पानी से नहाना राहत देता है, लेकिन यही आदत अगर गीजर चालू रखकर की जाए तो जान पर भारी पड़ सकती है. हाल के वर्षों में गीजर ब्लास्ट और बिजली के झटके से जुड़े हादसे बढ़े हैं. इसकी मुख्य वजह उपकरण की खराब वायरिंग, प्रेशर वाल्व की अनदेखी और नहाते समय गीजर को ऑन रखना है.

टेक विशेषज्ञ मानते हैं कि थोड़ी तकनीकी समझ और सुरक्षा नियम अपनाकर ऐसे जोखिम कम किए जा सकते हैं. गीजर को सही तरीके से इंस्टॉल करना, अर्थिंग जांच और तापमान नियंत्रण जैसी बातें हर घर के लिए जरूरी हो गई हैं. यह रिपोर्ट इन्हीं जरूरी टिप्स पर आधारित है.

पहला अलर्ट – घर की सुरक्षा, आपकी जिम्मेदारी 

अधिकतर लोग सुबह जल्दी में गीजर ऑन करके बाथरूम में चले जाते हैं और नहाते समय भी उसे बंद नहीं करते. यह सबसे आम लेकिन गंभीर लापरवाही है. लगातार ऑन रहने से टैंक का प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे ब्लास्ट का खतरा बनता है. करंट लगने के पीछे मुख्य कारण अर्थिंग का न होना और वायर में लीकेज है. कई बार बाथरूम में नमी होने से झटका ज्यादा तेज महसूस होता है. इसलिए नहाने से पहले गीजर बंद करना और वायरिंग जांचना अनिवार्य है.

दूसरा अलर्ट – इंस्टॉलेशन की गलती, खतरे की जड़ 

गीजर गलत तरीके से फिट होने पर पानी गर्म करने के साथ-साथ शॉर्ट सर्किट का जोखिम भी बढ़ाता है. इंस्टॉलेशन के समय अर्थिंग वायर को सीधे ग्राउंड प्लेट से जोड़ना जरूरी है. दीवार पर उपकरण मजबूती से न लगे तो कंपन से भी वायर ढीले हो सकते हैं. कई घरों में प्रेशर रिलीज वाल्व ऊपर की तरफ नहीं लगाया जाता, जिससे टैंक में अतिरिक्त दबाव जमा हो जाता है. इंस्टॉलेशन हमेशा प्रशिक्षित तकनीशियन से कराना चाहिए, ताकि यह समस्या शुरुआत में ही खत्म हो जाए.

तीसरा अलर्ट – सर्विसिंग नहीं तो रिस्क फिक्सिंग भी नहीं 

गीजर की सर्विसिंग अक्सर लोग तब कराते हैं जब वह पूरी तरह खराब हो जाता है. जबकि सुरक्षा के लिए हर 6–8 महीने में जांच जरूरी है. सर्विस के दौरान प्रेशर वाल्व, थर्मोस्टेट, टैंक लीकेज और वायर हीटिंग की जांच की जाती है. थर्मोस्टेट खराब हो तो तापमान अनियंत्रित हो सकता है, जिससे टैंक और बिजली दोनों पर दबाव बढ़ता है. सर्विसिंग में देरी का मतलब है कि उपकरण के भीतर बन रही समस्याओं का समय पर समाधान नहीं हो पा रहा, जो हादसे की संभावना बढ़ाता है.

चौथा अलर्ट – खरीदारी में बचत, सुरक्षा में नहीं 

गीजर खरीदते समय लोग कीमत में छूट देखते हैं, लेकिन सुरक्षा प्रमाण जरूरी है. ISI मार्क और ऑटो-कट फीचर वाले गीजर अधिक सुरक्षित माने जाते हैं. सस्ते उपकरण में वायर की गुणवत्ता, थर्मल कोटिंग और सेंसर कमजोर हो सकते हैं. इससे ओवरहीट और करंट लीकेज का जोखिम बढ़ता है. उपकरण में डिजिटल तापमान कंट्रोल, सेफ्टी शील्ड और सेफ टैंक कोटिंग जैसे फीचर सुरक्षा की पहली परत होते हैं. खरीदारी में थोड़ी अतिरिक्त लागत भविष्य के बड़े नुकसान से बचा सकती है.

पांचवां अलर्ट 

गीजर उपयोग से पहले अर्थिंग जांच, तापमान 50–55°C पर सेट करना और पानी भरने के बाद ही ऑन करना सुरक्षित तरीका है. नहाते समय उसे बंद रखें और स्विच को सूखे हाथों से छुएं. बाथरूम में मल्टी-प्लग और ढीले सॉकेट का उपयोग न करें. वायर ओवरहीट लगे तो तुरंत बिजली काट दें. बच्चों और बुजुर्गों को गीजर इस्तेमाल की बेसिक टेक सेफ्टी समझाएं. यह छोटी आदतें ब्लास्ट और करंट जैसे बड़े खतरों को टालने में मजबूत सुरक्षा कवच बन सकती हैं.