AI Power: 'कोई भी बना सकता है परमाणु बम....सोच से भी ज्याद खतरनाक है एआई', गॉडफादर ने की खौफनाक भविष्यवाणी
AI Power: हिंटन का कहना है कि एआई तकनीक का गलत उपयोग मानवता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. उन्होंने आशंका जताई कि यह तकनीक इंसानों की भावनाओं को समझकर उन्हें प्रभावित करने में सक्षम होती जा रही है.
AI Power: एआई के बारे में आज पूरी दुनिया बात कर रही है. कुछ लोग इसे सही बताते हैं तो कुछ गलत. लेकिन ये कितना खतरनाक हो सकता है इसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते हैं. हाल के दिन में एआई इस्तेमाल से हुई मौत के मामलों ने डर का माहौल बना दिया है. अब दुनिया के जाने माने जेफ्री हिंटन ने बड़ी चेतावनी दी है.
इसी बीच, एआई के क्षेत्र की अग्रणी हस्ती और AI के गॉडफादर कहे जाने वाले जेफ्री हिंटन ने चेतावनी दी है कि एआई परमाणु हथियारों जितना खतरनाक हो सकता है. उनका कहना है कि यह तकनीक साधारण व्यक्ति को भी जैविक हथियार बनाने में सक्षम बना सकती है.
गॉडफादर ने की खौफनाक भविष्यवाणी
हिंटन का कहना है कि एआई तकनीक का गलत उपयोग मानवता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. उन्होंने आशंका जताई कि यह तकनीक इंसानों की भावनाओं को समझकर उन्हें प्रभावित करने में सक्षम होती जा रही है.
एआई और जैविक हथियारों का खतरा
हिंटन ने कहा कि भविष्य में एआई की मदद से कोई भी सामान्य व्यक्ति जैविक हथियार तैयार कर सकता है. उन्होंने इसे परमाणु बम जैसी स्थिति से तुलना करते हुए कहा कि कल्पना कीजिए यदि कोई आम आदमी एटम बम बना सके तो कितना बड़ा खतरा होगा.
उन्होंने बताया कि एआई टूल्स जल्द ही मानवीय क्षमताओं को पीछे छोड़ देंगे. खासतौर पर भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने और लोगों के व्यवहार को प्रभावित करने में एआई इंसानों से भी आगे निकल सकता है.
बुद्धिमत्ता पर बहस
हिंटन का मानना है कि एआई वास्तव में बुद्धिमान है. उन्होंने कहा कि बातचीत और सवाल-जवाब की प्रक्रिया में एआई स्पष्ट रूप से समझने की क्षमता दिखाता है. यही वजह है कि तकनीकी समुदाय में इस बात पर कोई संदेह नहीं कि एआई और ज्यादा बुद्धिमान होता जाएगा.
यान लेकुन की अलग राय
हालांकि, हर कोई हिंटन की इस सोच से सहमत नहीं है. उनके पूर्व सहयोगी और ट्यूरिंग अवॉर्ड विजेता यान लेकुन का मानना है कि बड़े भाषा मॉडल्स अभी सीमित हैं. उनके अनुसार, एआई भौतिक दुनिया के साथ सार्थक रूप से इंटरैक्ट नहीं कर सकता.
तकनीकी समुदाय में चिंता
टेक्नोलॉजी के कई विशेषज्ञ मानते हैं कि एआई का तेज़ विकास इंसानियत के लिए दोधारी तलवार है. जहां यह शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजनेस में क्रांति ला सकता है, वहीं गलत हाथों में जाकर यह हथियार भी बन सकता है.