Uttarakhand disaster: हर्षिल-धराली की लाइफलाइन लिमचीगाड़ बेली ब्रिज बनकर तैयार, यातायात शुरू, आपदा में हो गया था पूरी तरह तबाह
हर्षिल-धराली की लाइफलाइन लिमचीगाड़ बेली ब्रिज बनकर तैयार हो गया है. उत्तराखंड के धराली में आई भीषण आपदा के दौरान संपर्क की दृष्टि से बेहद बेहद महत्वपूर्ण लिमचीगाड़ पुल बह गया था. अब इस पुल का निर्माण पूरा हो गया है और इसे यातायात के लिए खोल दिया गया है.
Uttarakhand disaster: हर्षिल-धराली की लाइफलाइन लिमचीगाड़ बेली बनकर तैयार हो गया है. 5 अगस्त को बादल फटने की घटना में यह पुल पूरी तरह बह गया था, जिससे हर्षिल-धराली क्षेत्र का यातायात पूरी तरह ठप हो गया था. अब, पुलिस, एसडीआरएफ, भारतीय सेना और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अथक प्रयासों से 90 फुट ऊंचा यह 'बेली ब्रिज' बनकर तैयार है और इसे यातायात के लिए खोल दिया गया है. यह पुल आपदा प्रभावित क्षेत्र के निवासियों और तीर्थयात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है.
इसके पुनर्निर्माण के लिए भारतीय सेना की इंजीनियरिंग, खोज, चिकित्सा और संचार टीमें, साथ ही बीआरओ, दिन-रात काम में जुटे रहे. नुकसान हुई सड़कों को साफ करने और पुल निर्माण को अंतिम रूप देने में इंजीनियरों और बचाव दलों ने अहम भूमिका निभाई. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 9 अगस्त को 33 हेलीकॉप्टर उड़ानों के जरिये 195 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जबकि 200 पर्यटकों को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों से बचाया गया.
मुख्यमंत्री का आश्वासन और राहत कार्य
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इससे पहले एक्स पर लिखा था, "धराली (उत्तरकाशी) में आई आपदा के दौरान, संपर्क की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण लिमचीगाड़ पुल बह गया, जिससे परिवहन पूरी तरह बाधित हो गया. इसके बाद, यहां बेली ब्रिज बनाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है."
बचाव और राहत अभियान जारी
धराली में खोज और बचाव अभियान अभी भी जोरों पर है. मातली हेलीपैड से हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रभावित क्षेत्रों में लगातार उड़ानें भर रही हैं. गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने कहा, "बचाव कार्य प्रगति पर है और कई लोगों को पहले ही बचाया जा चुका है. हमारी सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और अन्य बचाव अधिकारी खोज और राहत अभियान में लगे हुए हैं." उन्होंने आईएएनएस को बताया, "कई जगहों पर सड़कें बह गई हैं, लेकिन हम संपर्क बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मुख्यमंत्री ने इसके लिए वित्तीय सहायता का भी आश्वासन दिया है."
सरकार की राहत योजनाएं
मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि आपदा से प्रभावित परिवारों को छह महीने का राशन उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही, जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा, "प्रतिकूल मौसम की स्थिति के बावजूद, अब तक 1,000 से अधिक लोगों को बचाया गया है, जिनमें स्थानीय निवासी और देश भर से आए तीर्थयात्री शामिल हैं."