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Tiger Protection Force: बाघों की रक्षा करेंगे हमारे शूरवीर,उत्तराखंड में बनेगी टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स, अग्निवीरों की होगी सीधी तैनाती

लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और अतिक्रमण जैसी गैरकानूनी गतिविधियों पर भी यह फोर्स नजर रखेगी और कार्रवाई करेगी. टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन से वन्यजीव संरक्षण को नई दिशा मिलेगी.अग्निवीरों की तैनाती से एक ओर जहां वन क्षेत्र की सुरक्षा मजबूत होगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय युवाओं को देश सेवा का नया मंच मिलेगा.

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Reepu Kumari

Tiger Protection Force: अब बाघों की सुरक्षा में तैनात होंगे हमारे देश के जांबाज अग्निवीर! उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन की घोषणा की है, जिसमें राज्य के अग्निवीरों को सीधी तैनाती दी जाएगी.यह ऐलान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर किया, जो वन्यजीव प्रेमियों और रिटायर्ड सैनिकों दोनों के लिए बड़ी खुशी की खबर है.

इस फोर्स के जरिए न सिर्फ बाघों और जंगलों की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि अग्निवीरों को नई जिम्मेदारियों के साथ रोजगार का भी अवसर मिलेगा. करीब 80 से ज्यादा युवाओं को इस फोर्स में शामिल किया जाएगा.इस कदम से न सिर्फ अवैध शिकार पर रोक लगेगी बल्कि इंसान और जानवर के बीच संघर्ष भी कम होगा.

अग्निवीरों को नई जिम्मेदारी

भारतीय सेना से प्रशिक्षण प्राप्त अग्निवीर अब जंगलों की रक्षा के लिए तैयार किए जाएंगे.उनका अनुशासन, फिटनेस और साहस इस नई भूमिका में बेहद काम आएगा.

 बाघों की सुरक्षा होगी प्राथमिकता

इस फोर्स का मुख्य मकसद बाघों और उनके रहवास की सुरक्षा करना होगा.अवैध शिकार रोकने के लिए यह बल जंगलों में गश्त करेगा.

अवैध गतिविधियों पर कसेगा शिकंजा

लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और अतिक्रमण जैसी गैरकानूनी गतिविधियों पर भी यह फोर्स नजर रखेगी और कार्रवाई करेगी. टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन से वन्यजीव संरक्षण को नई दिशा मिलेगी.अग्निवीरों की तैनाती से एक ओर जहां वन क्षेत्र की सुरक्षा मजबूत होगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय युवाओं को देश सेवा का नया मंच मिलेगा. यह योजना एक बेहतरीन मिसाल बनेगी कि कैसे देश की सुरक्षा करने वाले जवान अब प्रकृति और वन्यजीवों की रक्षा में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बारे में

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett Tiger Reserve) भारत का सबसे पुराना और पहला टाइगर रिजर्व है, जिसकी स्थापना 1936 में हेली नेशनल पार्क के नाम से हुई थी. बाद में इसे जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क नाम दिया गया, जो ब्रिटिश शिकारी और संरक्षणवादी जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था. यह रिजर्व उत्तराखंड राज्य के नैनीताल और पौड़ी जिलों में फैला हुआ है और इसे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत 1973 में भारत का पहला टाइगर प्रोजेक्ट घोषित किया गया था.