8 दिन से नदी के टापू में फंसी थी 'गौमाता', बचाने के लिए उफनते पानी में कूदा NDRF जवान और चली गई जान

मंगलवार को एनडीआरएफ की टीम कोठी गांव पहुंची और राहत-बचाव अभियान शुरू किया. ऑपरेशन के दौरान कांस्टेबल सुरेंद्र नौटियाल ने बिना देर किए नदी में छलांग लगाई. उनका साहस लोगों के लिए प्रेरणा बना, लेकिन नदी के उफान ने उनकी जान ले ली.

@KumaonJagran
Reepu Kumari

Chamoli Pindar River Accident: एक कहावत है मौत को कोई टाल नहीं सकता. ये कब आ जाए इसकी भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता है. चमोली में कुछ ऐसा ही हुआ. जब आठ दिनों से फंसी एक गाय को बचाने के लिए उफनती नदी में पुलिस का एक जवान कूद गया. लेकिन ऊपर वाले को कुछ ही मंजूर था. बहाव तेज होने के कारण जवान की डूब कर जान चली गई. जानते हैं पूरा मामला क्या है. उत्तराखंड के चमोली जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां पिछले 8 दिनों से पिंडर नदी के बीच टापू में फंसी एक गाय को बचाने के लिए पुलिस जवान ने अपनी जान दांव पर लगा दी.

चमोली के कोठी गांव में जब पुलिसकर्मी कांस्टेबल सुरेंद्र नौटियाल ने उफनती नदी में छलांग लगाई तो हर किसी की नजरें उस पर टिक गईं. इलाके के लोग उम्मीद कर रहे थे कि जवान अपनी जान की परवाह किए बिना गाय को बाहर निकाल लेंगे. लेकिन नदी के तेज बहाव ने सबको हैरान कर दिया और देखते ही देखते यह मिशन एक दर्दनाक हादसे में बदल गया.

झकझोर देने वाले हादसा 

कांस्टेबल सुरेंद्र नौटियाल की बहादुरी ने सभी को झकझोर दिया है. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जवान नदी की तेज धार में बह गए और एनडीआरएफ टीम के अन्य सदस्यों ने उन्हें निकालकर अस्पताल पहुंचाया. लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस घटना ने पूरे गांव और पुलिस विभाग को शोक में डाल दिया है. हर कोई जवान के साहस की सराहना कर रहा है और उनके बलिदान को हमेशा याद रखेगा.

8 दिन से टापू में फंसी थी गाय

देवाल-थराली मोटर मार्ग पर कोठी गांव के पास पिंडर नदी के बीच एक टापू में गाय फंस गई थी. आठ दिनों से लगातार कोशिशें हो रही थीं कि गाय को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके. इस बीच उपजिलाधिकारी थराली पंकज भट्ट ने मोबाइल से सूचना देकर रेस्क्यू के आदेश दिए.

एनडीआरएफ टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन

मंगलवार को एनडीआरएफ की टीम कोठी गांव पहुंची और राहत-बचाव अभियान शुरू किया. ऑपरेशन के दौरान कांस्टेबल सुरेंद्र नौटियाल ने बिना देर किए नदी में छलांग लगाई. उनका साहस लोगों के लिए प्रेरणा बना, लेकिन नदी के उफान ने उनकी जान ले ली.

अस्पताल में हुई मौत की पुष्टि

टीम के अन्य सदस्यों ने बड़ी मुश्किल से सुरेंद्र नौटियाल को नदी से बाहर निकाला और थराली के पीएचसी अस्पताल पहुंचाया. लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया.

इलाके में शोक की लहर

इस घटना से पूरे इलाके में गम का माहौल है. लोग एक ओर जवान की बहादुरी को सलाम कर रहे हैं तो दूसरी ओर उनके असमय निधन से गहरा शोक व्यक्त कर रहे हैं.