Landslide in Chamoli: THDC की निर्माणाधीन हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट साइट पर भारी लैंडस्लाइड, चपेट में आये कई मजदूर

उत्तराखंड के जोशीमठ में हेलंग के पास निर्माणाधीन 'विष्णुगाड़ पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना' की डायवर्जन साइट पर शुक्रवार देर रात एक बड़ा हादसा हुआ.

X
Garima Singh

Landslide in Chamoli: उत्तराखंड के जोशीमठ में हेलंग के पास निर्माणाधीन 'विष्णुगाड़ पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना' की डायवर्जन साइट पर शुक्रवार देर रात एक बड़ा हादसा हुआ. टीएचडीसी (तेहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के इस प्रोजेक्ट की डैम साइट पर अचानक भारी लैंडस्लाइड हुई. जिसमें चट्टानें टूटने से 12 मजदूर घायल हो गए. लैंडस्लाइड के बाद इलाके में हड़कंप मच गया. 

एक अधिकारी ने बताया, "निर्माणाधीन विष्णुगाड़ पीपलकोटी हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट साइट पर डायवर्जन निर्माण कार्य के दौरान लैंडस्लाइड की वजह से अचानक पहाड़ का एक हिस्सा टूटकर नीचे आ गिरा, जिससे वहां काम कर रहे मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई." इस हादसे में कई मजदूरों ने भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन 12 मजदूर चट्टानों की चपेट में आकर घायल हो गए. घायलों को फौरन नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति बेहतर बताई जा रही है. अधिकारी ने यह भी बताया कि हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी) द्वारा संचालित इस डैम साइट पर उस वक्त करीब 200 मजदूर काम कर रहे थे.

भारी बारिश बनी हादसे की वजह

चमोली जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाओं को बढ़ा दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के कारण मिट्टी और चट्टानें कमजोर हो गई हैं, जिसके चलते इस तरह के हादसे हो रहे हैं. हेलंग में हुआ यह हादसा भी भारी बारिश का परिणाम माना जा रहा है. स्थानीय प्रशासन और विशेषज्ञों ने क्षेत्र में भूस्खलन के खतरे को लेकर पहले ही चेतावनी दी थी.

राहत और बचाव कार्य शुरू

हादसे की सूचना मिलते ही टीएचडीसी और एचसीसी के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. जिला प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए. घायल मजदूरों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्रशासन ने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने के निर्देश दिए हैं.

सुरक्षा और पर्यावरण पर सवाल

यह हादसा उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में चल रही जलविद्युत परियोजनाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है. लगातार बारिश और भूस्खलन के बीच मजदूर जोखिम भरे हालात में काम कर रहे हैं. पर्यावरणविदों ने चेतावनी दी है कि पहाड़ों में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य पर्यावरणीय संतुलन को नुकसान पहुंचा सकते हैं. उनका कहना है कि ऐसी परियोजनाओं को लागू करने से पहले भूगर्भीय और पर्यावरणीय अध्ययन को और गंभीरता से लेने की जरूरत है.